उत्तराखण्ड के नगर निकायों में पहली बार एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी का आरक्षण बदलने जा रहा है।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश के 11 नगर निगमों में से मेयर के दो पद ओबीसी करने की सिफारिश की है। बाकी आठ पद अनारक्षित, एक पद अनुसूचित जाति का होगा।
नगर पालिकाओं में चेयरमैन के 45 में से 13 पद ओबीसी के होंगे। बाकी 25 पद अनारक्षित, छह पद अनुसूचित जाति और एक पद अनुसूचित जनजाति का होगा।
नगर पंचायतों में अध्यक्ष के 46 में से 16 पदों पर ओबीसी प्रत्याशी होंगे। 23 पद अनारक्षित होंगे। छह पदों पर अनुसूचित जाति और एक पद पर अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी होंगे।
नगर निगम काशीपुर में ओबीसी की की सर्वाधिक 38.62 प्रतिशत आबादी को देखते हुए यहां 40 में से 15 वार्ड ओबीसी आरक्षित होंगे।
नगर निगम रुड़की में ओबीसी की आबादी 36.20 प्रतिशत देखते हुए यहां 40 में से 14 वार्ड ओबीसी के होंगे। नगर निगम हरिद्वार में ओबीसी की आबादी 20.90 को देखते हुए यहां 60 में से 13 वार्ड ओबीसी के होंगे।
बाकी नगर निगम देहरादून में ओबीसी के 12, नगर निगम ऋषिकेश में 04, हल्द्वानी में 11, अल्मोड़ा में 03, पिथौरागढ़ में 02 कोटद्वार में 03, श्रीनगर में 02 और रुद्रपुर में 08 वार्ड ओबीसी आरक्षित होंगे।