भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
श्रीनगर के बाहरी इलाके डाचीगम नेशनल पार्क के पास लिदवास और माउंट महादेव के बीच सोमवार को सुरक्षाबलों ने बड़ा आतंकी ऑपरेशन चलाया।
‘ऑपरेशन महादेव’ नाम की इस संयुक्त कार्रवाई में सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स (24 RR), 4 पैराशूट रेजिमेंट (4 Para), सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी ने हिस्सा लिया।
संसद में जब ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी थी, उसी समय दोपहर 12:37 बजे सेना की चिनार कोर (Chinar Corps) ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी कि लिदवास इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। लगभग दोपहर 2 बजे तक तीन आतंकियों को मार गिराया गया।
मारे गए आतंकी और पहलगाम हमले से कनेक्शन
मारे गए आतंकियों में पाकिस्तान के तीन आतंकी — सुलेमान ऊर्फ मूसा, यासिर और हमजा शामिल हैं। इनमें से मूसा को पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा था। अप्रैल 2025 में हुए इस हमले में बैसरण घाटी में पर्यटकों का धर्म पूछकर गोलियां चलाई गई थीं, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे।
हमले की शुरुआती जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का मोर्चा माना जाता है, हालांकि बाद में संगठन ने इसमें हाथ से इनकार कर दिया।
श्रीनगर के बादामी बाग स्थित 15वीं कोर, जिसे चिनार कोर कहा जाता है, इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही थी। चिनार कोर के अंतर्गत आने वाली किलो फोर्स और विक्टर फोर्स घाटी में आतंकवाद-रोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाती हैं।
बरामद हथियार और सर्च अभियान
एनकाउंटर स्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और कई संदिग्ध सामग्री बरामद हुई है। सुरक्षाबलों ने जंगल में एक ठिकाना भी खोजा, जहां आतंकी छिपे रहते थे। वर्तमान में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस इलाके में कॉम्बिंग और सर्च ऑपरेशन चला रही है ताकि बाकी बचे संभावित मददगारों का पता लगाया जा सके।
हालांकि तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, सेना का कहना है कि ऑपरेशन महादेव अभी भी जारी है। सुरक्षाबल इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि इलाके में कोई और आतंकी या ओवरग्राउंड वर्कर सक्रिय न हो।

Leave a Reply