कर्नाटक पुलिस के पूर्व महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की मौत ने राज्य को झकझोर कर रख दिया है। जिस इंसान ने अपने करियर में अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा, उसकी खुद की मौत आज रहस्य बन गई है।
विस्तार
कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश रविवार, 20 अप्रैल, 2025 को बेंगलुरु में एचएसआर लेआउट स्थित अपने आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए।
उनके तीन मंजिला घर के ग्राउंड फ्लोर पर खून से लथपथ शव मिला। पूर्व डीजीपी की पत्नी पल्लवी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि उनके शव पर चोट के निशान पाए गए, जिससे संदेह है कि उनकी हत्या की गई है और हत्या का शक उनके किसी परिजन पर है।
जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस को इस मामले में किसी करीबी पारिवार के सदस्य के शामिल होने का संदेह है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है।
कौन थे ओम प्रकाश?
68 वर्षीय, ओम प्रकाश 1981 बैच के तेज-तर्रार आईपीएस अफसरों में गिने जाते थे। ओम प्रकाश मूल रूप से बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले थे।
2015 से 2017 तक कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था को सशक्त बनाया, इसके अलावा वह पुलिस महानिरीक्षक (IGP) के रूप में भी कार्य कर चुके थे।
सवालों के घेरे में परिवार
पत्नी पल्लवी और बेटी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में घरेलू कलह और मानसिक स्वास्थ्य को एक संभावित वजह माना जा रहा है। उनके बेटे ने भी पुष्टि की है कि मां कुछ महीनों से मानसिक तनाव में थीं और पिता से डरती थीं।
इस केस ने पुलिस को एक नैतिक और भावनात्मक चुनौती के सामने खड़ा कर दिया है। एक ऐसा अधिकारी जिसकी गिनती सबसे ईमानदार अफसरों में होती थी, उसकी मौत अब एक फाइल में तब्दील हो चुकी है। पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद ने कहा है कि “जांच हर एंगल से की जाएगी, चाहे आरोपी कोई भी हो।”
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