कोरोना की वैक्सीन से होने वाले दुष्प्रभावों पर दाखिल जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस तरह की याचिका से सिर्फ सनसनी फैलती है। अगर वैक्सीन का इजाद ही न हुआ होता तो क्या होता?
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सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन से होने वाले दुष्प्रभावों से जुड़ी एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस तरह की याचिका से सिर्फ सनसनी फैलती है। अगर वैक्सीन का इजाद ही न हुआ होता तो क्या होता? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे. बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका सिर्फ सनसनी फैलाने के इरादे से दायर की गई है।
तीन जजों की इस बेंच ने कहा कि इस पर कार्रवाई के लिए मुकदमा दायर करें। इसका क्या उपयोग है? कृपया यह भी समझें कि अगर आप टीका नहीं लेते हैं तो इसका क्या दुष्प्रभाव होगा। हम इस मुद्दे पर सुनवाई नहीं करना चाहते, यह सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए है। प्रिया मिश्रा और अन्य याचिकाकर्ताओं ने यह याचिका दायर की थी, जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि वैक्सीन के कारण खून में थक्का बनता है।
2020-21 में कोरोना वायरस ने बरपाया कहर
बता दें कि, साल 2020 में भारत में पैर पसारने वाले कोरोना वायरस ने 2021 में भी खूब कहर बरपाया था। भारत में इस वायरस के चलते लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। सरकार की तरफ से भी मामले की गंभीरता को देखते हुए लोगों को फ्री में वैक्सीन लगवाई गई। भारत में बनी वैक्सीन को दुनिया भर के देशों में भी मदद के लिए भेजा गया। कुछ रिसर्च में यह दावा किया गया कि कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद इस वायरस से लोगों की मौत की संख्या में भारी गिरावट आई है। इसी बीच कुछ रिसर्च ऐसी भी रही, जिसमें लोगों पर वैक्सीन के बुरे प्रभाव की बात कही गई।