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भारत दौरे पर फिलीपींस राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर

इंडो‑पैसिफिक को बताया एशिया‑प्रशांत का सही विकास

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फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुअलडेज़ मार्कोस जूनियर 4 अगस्त 2025 को भारत पहुंचे। यह उनकी 2022 में राष्ट्रपति बनने के बाद पहली भारत यात्रा है।

उनका यह दौरा दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के उत्सव के साथ मेल खाता है। राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। वे 8 अगस्त तक भारत में रहेंगे।

दौरे का मुख्य उद्देश्य: रक्षा और आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाई

मार्कोस जूनियर की यह यात्रा मुख्य रूप से रक्षा, व्यापार, समुद्री सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी पर केंद्रित है।

  • रक्षा सहयोग: दक्षिण चीन सागर में भारत‑फिलीपींस की पहली संयुक्त नौसैनिक अभ्यास के बाद दोनों देश BrahMos मिसाइल सौदे और अन्य रक्षा परियोजनाओं पर चर्चा कर सकते हैं।
  • व्यापार और निवेश: IT, कृषि, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की योजनाएं भी एजेंडे में हैं।
  • समुद्री सुरक्षा और रणनीति: चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए समुद्री सहयोग को और मजबूत करना अहम मुद्दा रहेगा।

इंडो‑पैसिफिक पर बयान:

राष्ट्रपति भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मार्कोस जूनियर ने कहा- जिसे पहले एशिया-प्रशांत क्षेत्र कहा जाता था, उसे अब दुनिया इंडो-पैसिफिक क्षेत्र कहती है।

“इंडो-पैसिफिक, एशिया-प्रशांत का सही विकास है,” मार्कोस ने कहा कि यह भारत और फिलीपींस के बीच गठबंधन की पुष्टि है।

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह उस गठबंधन और साझेदारी की पुनः पुष्टि है जिसे हम मज़बूत कर रहे हैं। जिसे हम पहले एशिया प्रशांत क्षेत्र कहते थे, उसे अब हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र कहते हैं, जो मुझे लगता है कि राजनीति, व्यापार और अर्थव्यवस्था की वैश्विक प्रकृति के कारण उस समझ का सही विकास है। और जो हमारे पास पहले से है, उसे और आगे बढ़ाने के साथ-साथ, पिछले कुछ वर्षों में नई तकनीकों और वैश्विक अर्थव्यवस्था की बदलती स्थिति और हमारे आसपास की भू-राजनीति के कारण उत्पन्न हुए कई अवसरों का भी लाभ उठाना है।”

उच्च‑स्तरीय वार्ताएं और संभावित समझौते

मार्कोस जूनियर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उच्च‑स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री एस. जयशंकर से उनकी चर्चा पहले ही हो चुकी है।

संभावित समझौतों में रक्षा उपकरण आपूर्ति, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, और आर्थिक निवेश से जुड़े समझौते शामिल हो सकते हैं।

https://regionalreporter.in/lapse-in-security-of-red-fort/
https://youtu.be/sLJqKTQoUYs?si=fH7bCeBQQnKRMp_Z
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