प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार, 14 दिसंबर दोपहर शंभू बॉर्डर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली के लिए अपना मार्च फिर से शुरू किया।
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शंभू बॉर्डर से शनिवार को दोपहर 12 बजे एक बार फिर पंजाब के 101 किसानों के जत्थे ने दिल्ली कूच करने का प्रयास किया। हरियाणा पुलिस ने रोका तो किसानों ने जबरन आगे बढ़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने पानी की बौछार की। आंसू गैस के 20 से ज्यादा गोले भी दागे। 12 से ज्यादा किसान घायल हो गए हैं।
प्रशासन के पास एम्बुलेंस भी खत्म हो गई है। अब किसान अपनी गाड़ियों से घायलों को अस्पताल ले जा रहे हैं। तनाव बरकरार है। अंबाला के डीसी ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह दिल्ली कूच के लिए अड़े हैं।

प्रदर्शन का गांधीवादी तरीका अपनाएं किसान: सुप्रीम कोर्ट
एक दिन पहले शुक्रवार को शंभू बॉर्डर खोले जाने के आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ‘किसानों को हिंसक नहीं होना चाहिए और शांतिपूर्ण आंदोलन करना चाहिए, उन्हें विरोध प्रदर्शन का गांधीवादी तरीका अपनाना चाहिए, क्योंकि उनकी शिकायतों पर विचार किया जा रहा है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को समझा कर समस्या का हल निकालने के लिए गत दो सितंबर को उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी।
शुक्रवार, 13 दिसम्बर को भी हरियाणा की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पंजाब के एडवोकेट जनरल के सुझाव पर कोर्ट में मौजूद समिति के सदस्य सचिव ने पीठ को भरोसा दिलाया कि किसानों को समझाया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश देते हुए केस को 18 दिसंबर को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।