मॉक ड्रिल हमारे सभी संसाधनों व दमखम को परखने का एक अवसर

  • वनाग्नि की रोकथाम के लिए जन जागरूकता व जनसहभागिता जरूरी
  • 15 फरवरी से जनपद भर में वनाग्नि के प्रति व्यापक जन जागरूकता चलाने के दिये निर्देश

समुदाय केन्द्रित वन अग्नि मॉक अभ्यास प्रातः 8ः00 बजे वनाग्नि की सूचना मिलने के साथ शुरू हुआ। आग की सूचना मिलते ही जनपद स्तरीय आईआरएस सिस्टम सक्रिय हुआ। जिसके तहत इंसिडेंट कमांडर/आरओ जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर घटना को कमांड किया।

प्रातः 8ः00 बजे कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि वन विभाग की ल्वाली क्षेत्र की बीट तमलाग व पाबौ रोड पर स्थित सीगड़ बीट में आग लगी है। वनाग्नि की सूचना पर दोनों स्थानों के स्टेजिंग एरिया के लिए सभी आवश्यक संसाधनों को रवाना किया गया।

स्टेजिंग एरिया में अग्निशमन के लिए वन क्षेत्राधिकारियों की अगुआई में टास्क फोर्स का गठन कर वनाग्नि को बुझाने की कार्यवाही की गई। सीगढ़ बीट के लिए इंसीडेंट कमांडर दीक्षिता जोशी व तमलाग बीट के लिए इंसीडेंट कमांडर कृष्णा त्रिपाटी की देखरेख में वन विभाग, पुलिस फायर कर्मी, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग व महिला मंगल व ग्रामीणों द्वारा जंगल में फैली आग पर काबू पाया गया। साथ ही ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया।

वनाग्नि की घटना में तमलाग के मजेंठा में 02 व्यक्ति झूलसे व प्राथमिक विद्यालय में 02 छात्र धुंए से बेहोश हो गये जिन्हें रेस्क्यू कर 108 के माध्यम से जिला अस्पताल पौड़ी भेजा गया। साथ अन्य छात्रों का सकुशल रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया। जबकि सीगड़ में 02 व्यक्ति धुंए के कारण बेहोश हो गये थे, जिन्हें उपचार के लिए सीएचसी पाबौ भेजा गया।

मॉक ड्रिल के सफल आयोजन पर जिलाधिकारी ने मॉक ड्रिल में शामिल सभी अधिकारियों/कर्मचारियों व जन-सहभागिता को सराहा। कहा कि इस प्रकार के अभ्यास से हमें अपने सभी प्रकार के संसाधनों को परखने के अवसर मिलता है।

उन्होंने कहा कि वनाग्नि से वन्य जीवन के साथ साथ हमारा वायुमंडल भी दूषित होता है जिससे स्वांस संबंधी बीमारियो से झूझना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए जनजागरूकता व जनसहभागिता अति आवश्यक है।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वनाग्नि को लेकर 15 फरवरी से व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि आदवाणी में शीतला खेत मॉडल का 20 फरवरी को उद्घाटन किया जाएगा जिससे वनाग्नि को रोकने में निश्चित रूप से सहायता मिलेगी।

उन्होंने जनपद में वल्नरेबल सभी 47 फारेस्ट बीटों का एक्शन प्लान प्लान प्रस्तुत करने हेतु डीएफओ पौड़ी को निर्देशित किया है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को देव/पोरण वन जैसे कांसेप्ट कार्य करने के लिए भी कहा ताकि वनों के महत्व व उसकी देवतुल्यता के बारे में जागरूक करें ताकि जनमानस में वनों के प्रति भावनात्मक परिवर्तन लाया जा सके।

कंट्रोल रूम में डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, सीडीओ गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, डीएफओ सीविल एवं सोयम पवन सिंह, एसएसबी से आये ऑब्जर्वर/असिस्टेंट कमांडेंट अरुण, मेजर ऋषिकेश सहित एनडीएमए, एसडीएमए, डीडीएमए, पुलिस, राजस्व, वन, एसडीआरफ सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: