रूद्रप्रयाग, , देहरादून और मसूरी में की गई छापेमारी
उत्तराखंड में राशन की दुकानों पर मिलने वाले सरकारी नमक में रेत और धूलशर्करा की मिलावट की शिकायतों ने पूरे प्रदेश में विवाद खड़ा कर दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो—विशेषकर बागेश्वर और खटीमा जैसे इलाकों से—में नमक को पानी में घोलने पर नीचे रेत जमते देखे गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं में गुस्सा और चिंता दोनों जागी हैं।
मुख्यमंत्री ने शुरू की सैंपलिंग और छापेमारी की कार्रवाई
इन वीडियो क्लिप्स के वायरल होते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे प्रदेश की राशन दुकानों से नमक के सैंपल लेने और तत्काल निरीक्षण कराने के आदेश दिए हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को 113 तहसीलों में छापेमारी कर नमूने एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। विवादित नमक पर छत्ते महलों में इस तरह की मिलावट को सरकार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी है।
सरकारी जांच के अनुसार, रक्षा खाद्य एवं अनुसंधान प्रयोगशाला, मैसूर और ITC लैब्स से प्राप्त रिपोर्टों में नमक को सभी FSSAI मानकों के अनुरूप पाया गया है।
वहीं, रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के 19 अगस्त, 2025 के रिजल्ट्स ने भी नमक की “उत्तम गुणवत्ता” की पुष्टि की है।
हालांकि आधिकारिक परीक्षण में नमक को सुरक्षित बताया गया है, लेकिन वायरल वीडियो और स्थानीय शिकायतों ने सप्लाई नेटवर्क की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन ने वादा किया है कि मानसून के बाद निर्माता कंपनी के कारखानों का दौरा करवाया जाएगा और नियमित अंतराल पर नमूनों की जांच जारी रहेगी, ताकि भरोसा कायम रहे।

सस्ते गल्ले की दुकानों पर छापेमारी
सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर नमक की गुणवत्ता को लेकर उठी शिकायतों के बाद देहरादून जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।
जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर जनपद की 19 दुकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। इस दौरान टीमों ने नमक के सैंपल लेकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को जांच के लिए भेज दिया।
गौरतलब है कि हाल ही में एक महिला का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने सस्ते गल्ले से मिले नमक में रेत होने का आरोप लगाया था। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डीएम ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को छापेमारी के निर्देश दिए थे।
डीएम सविन बंसल ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी जिले में सस्ते गल्ले की दुकानों पर अनियमितताओं की शिकायतें मिल चुकी हैं, जिन पर प्रशासन कार्रवाई कर चुका है।

















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