असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को किया गया सस्पेंड
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले पर हरिद्वार परीक्षा केंद्र की जिम्मेदारी संभाल रहे सेक्टर मजिस्ट्रेट और जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक के.एन. तिवारी को निलंबित कर दिया है।
साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिसे एक महीने में रिपोर्ट सौंपनी होगी।
आयोग की रिपोर्ट में हरिद्वार परीक्षा केंद्र पर गंभीर लापरवाही की पुष्टि हुई है। के.एन. तिवारी को परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन परीक्षा शुरू होने के मात्र आधे घंटे बाद ही प्रश्नपत्र के तीन पन्ने बाहर आ गए।
वहीं दूसरी ओर पेपर लीक मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने प्रश्न पत्र को हल करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित कर दिया गया है।
इस मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को गलत मंशा से पेपर लीक में भूमिका निभाने को लेकर प्राथमिक दृष्ट्या आरोपी पाया गया है।
गौरतलब है कि, 21 सितंबर 2025 को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान पेपर लीक हुआ था। घटना के बाद से ही छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में जगह- जगह छात्र-छात्राएं विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरकार की ओर से अब निलंबन और SIT के गठित कर दी गई है, अभ्यर्थियों की नजरें अब SIT की रिपोर्ट और आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं। क्योंकि कई बार एसआईटी गठित की जा चुकी है, फिर भी सरकार के हाथ कुछ भी नहीं लगता।
ऐसा लगता है कि, सरकारी सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है या वे छात्रों के भविष्य के लिए सचेत ही नहीं है।
देखना होगा कि, क्या इस बार भी छात्रों का भविष्य ठंडे बस्ते में रख दिया जाएगा या सरकार इस मामले में छात्रों को इंसाफ दिलाने में मददगार साबित होगी।

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