केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में विगत दो दिनों से हो रही बर्फबारी व निचले भूभाग में सर्द हवाओं के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी एक बार शीतलहर की चपेट में आ गयी है जिससे जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है।
तुंगनाथ घाटी में यदि मौसम के अनुकूल बर्फबारी होती है तो तुंगनाथ घाटी के पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा होने की सम्भावना बनी हुई है।
बता दें कि केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में विगत दो दिनों से निरन्तर बर्फबारी हो रही है। केदारनाथ धाम में बार-बार बर्फबारी के होने से पुनर्निर्माण कार्य खासे प्रभावित हो रहे हैं।

केदार घाटी के निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओं के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है जिससे जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है।
यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो केदारनाथ, वासुकीताल, मनणामाई तीर्थ, मदमहेश्वर, पाण्डव सेरा, नन्दीकुण्ड, विसुणीताल, चन्द्रशिला, तुंगनाथ, कार्तिक स्वामी सहित सीमान्त क्षेत्रों का भूभाग एक बार फिर बर्फबारी से लदक होने की सम्भावना बनी हुई है।
रासी गाँव के ग्रामीण जगत सिंह पंवार ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी में सर्द हवाओ के चलने से तापमान में भारी गिरावट महसूस हो रही है तथा ग्रामीण घरों में कैद होने के लिए विवश बने हुए हैं।

पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष आनन्द सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में सर्द हवाओं के चलने से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है तथा मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरने से व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है।
कालीमठ घाटी दिनेश सत्कारी ने बताया कि तापमान में भारी गिरावट महसूस होने लगी है तथा सीमान्त क्षेत्रों में बर्फबारी की सम्भावना बनी हुई है।
क्यूंजा घाटी अखोडी निवासी कुंवर सिंह नेगी ने बताया की यदि मौसम के अनुकूल बारिश होती है तो काश्तकारों की फसलों सहित प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होगा तथा प्राकृतिक जलस्रोतों के जल स्तर में भी वृद्धि होगी।