- भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल
- अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था बनी हादसे की वजह, प्रशासन पर उठे सवाल
धार्मिक नगरी हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार को भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई, खबर लिखे जाने तक 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए हैं।
यह हादसा तब हुआ जब शिवरात्रि के बाद भी कांवड़ यात्रा और वीकेंड के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हुए थे। प्रशासन के अनुसार मृतकों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है।
बंद रास्ते से गुजारे गए श्रद्धालु
शिवरात्रि के अवसर पर 23 जुलाई को जलाभिषेक के बाद भी हरिद्वार में भारी संख्या में श्रद्धालु रुके हुए थे। शनिवार और रविवार की छुट्टियों के चलते भीड़ और बढ़ गई। जिस संकरे मार्ग पर यह हादसा हुआ, उसे आमतौर पर मेले के दौरान बंद कर दिया जाता है, लेकिन भीड़ अधिक होने के बावजूद इसी मार्ग से श्रद्धालुओं को भेजा गया।
कोतवाली प्रभारी रितेश शाह ने भगदड़ की घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह हादसा अव्यवस्थित भीड़ नियंत्रण के कारण हुआ।
प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
हर साल लाखों श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर पहुंचते हैं, और सावन जैसे पावन महीनों में श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। इसके बावजूद सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के समुचित इंतजाम न होना एक गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने मृतकों की संख्या 6 होने की पुष्टि की है और घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
घटना के बाद मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई श्रद्धालु घायल अवस्था में जमीन पर पड़े रहे, जिन्हें स्थानीय लोगों और राहत दलों ने अस्पताल पहुंचाया। कुछ लोगों ने घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए नाराजगी भी जाहिर की।

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