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सुप्रीम कोर्ट समिति ने 25 मार्च को जज यशवंत वर्मा के आवास का किया दौरा

25 मार्च 2025 को, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर कथित नकद राशि की खोज से संबंधित जांच शुरू की।

यह कदम 14 मार्च को उनके आवास में आग लगने की घटना के बाद उठाया गया, जिसमें कथित रूप से महत्वपूर्ण मात्रा में नकद राशि मिली थी।

समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस संधवाला, और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अनु शिवरामन शामिल हैं। समिति ने 25 मार्च को जज वर्मा के आवास का दौरा किया और लगभग 30-35 मिनट तक परिसर का निरीक्षण किया।

इससे पहले, 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जज वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी। हालांकि, कॉलेजियम ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय नकद खोज की जांच से संबंधित नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जज वर्मा के स्थानांतरण का विरोध करते हुए सीबीआई और ईडी से जांच की मांग की है।

जज वर्मा ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार ने स्टोर रूम में नकद राशि रखी थी, और उन्होंने इसे अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास बताया है।

क्या है पूरा मामला

जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित बंगले पर 14 मार्च को आग लगी थी। इस वक्त वह दिल्ली में मौजूद नहीं थे। जज के परिवार ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। दमकल की टीम आग बुझाने मौके पर पहुंची तो उन्हें घर से बड़ी संख्या में नोटों की गड्डी मिली। इसके बाद से ही यशवंत वर्मा के इस्तीफे की मांग की जा रही है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में हड़ताल शुरू

प्रयागराज (एसएनबी)। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट से न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादले के विरोध में मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी।

हाईकोर्ट के गेट नंबर-3 पर एकत्र हड़ताली अधिवक्ताओं का नेतृत्व कर रहे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा, यह विरोध किसी न्यायालय या न्यायाधीश के खिलाफ नहीं, बल्कि उनके खिलाफ है जिन्होंने न्यायालय की व्यवस्था को धोखा दिया है।

उन्होंने कहा, हमारी लड़ाई भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों और उस व्यवस्था के खिलाफ है जो पारदर्शी नहीं है। फिलहाल हमारी मांग स्थानांतरण के आदेश पर पुनर्विचार करने और उसे वापस लेने की है।

बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रस्तावित तबादले का सोमवार को फिर से विरोध करते हुए मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया।

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