कोरोनाकाल में जब पूरा देश कमरों में कैद सोशल मीडिया पर आ रही रीलों की निगहबानी में व्यस्त था, तभी मुंबई निवासी 11वीं कक्षा के विद्यार्थी हर्षित जोशी ने भारतीय सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष सैम बहादुर के नाम से विख्यात मानेकशॉ की वीरता से जुड़ी रील्स देखी।
धीर-गंभीर प्रकृति के होनहार छात्र हर्षित ने मानेकशॉ से प्रभावित होकर उनको ही अपना आदर्श बना लिया और तय किया कि उन्हें भारतीय सेना का हिस्सा बनना है। इसके लिए वे तैयारी में जुट गए और एनडीए उत्तीर्ण कर अपनी अकाट्य प्रतिज्ञा को पूरा कर दिखाया। बीते 14 जून को देहरादून के आईएमए से पास आउट हुए 451 कैडेट्स में अल्मोड़ा के ताड़ीखेत का यह लाल भी शामिल रहा।

आईएमए तक पहुंचने के सफर में सबसे शानदार बात यह रही कि जिन सर मानेकशॉ से प्रभावित होकर हर्षित ने भारतीय सेना में जाने का ख्वाब देखा, उन्हीं सर मानेकशॉ के नाम पर आईएमए में स्थापित बटालियन में शामिल होकर ही हर्षित जोशी ने अंतिम पग भरा।
हर्षित की माता विद्या जोशी तथा पिता मनोज जोशी ने बताया कि हर्षित बचपन से ही एक प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं। उनके लिए आईएमए की पासिंग आउट परेड में अपने बेटे को देखना बेहद गौरव का पल है। इस मौके पर हर्षित की दादी कमला जोशी, नानी हेमा मठपाल, मामा मनीष मठपाल एवं मामी सोनम मठपाल भी इस पल के गवाह बने।
