मदमहेश्वर घाटी के ग्रामीणों की अराध्य देवी व रासी गाँव के मध्य में विराजमान भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में चलने वाले पौराणिक जागरों के समापन की तैयारियां शुरू कर दी गयी है।
पौराणिक जागरों के समापन पर आयोजित होने वाले भव्य मेले में शामिल होने के लिए धियाणियों व प्रवासियों ने मदमहेश्वर घाटी सहित रासी गाँव की ओर रूख कर दिया है तथा पौराणिक जागरों के गायन से मदमहेश्वर घाटी सहित रासी गाँव का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।
सावन व भाद्रपद महीने में प्रतिदिन राकेश्वरी मन्दिर में गाये जाने वाले पौराणिक जागरों का समापन आगामी 18 सितम्बर को भगवती राकेश्वरी को ब्रह्म कमल अर्पित करने के साथ होगा।
युगों से चली आ रही परम्परा के अनुसार पौराणिक जागरों के समापन पर भगवती राकेश्वरी की तपस्थली रासी गाँव में भव्य धार्मिक मेले का आयोजन किया जाता है।
जानकारी देते हुए राकेश्वरी मन्दिर समिति कार्यकारी अध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में पौराणिक जागरों के गायन की परम्परा युगों पूर्व की है तथा ग्रामीणों द्वारा युगों से चली परम्परा को जीवित रखने में अहम योगदान दिया जा रहा है।

राकेश्वरी मन्दिर समिति पूर्व अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया राकेश्वरी मन्दिर में प्रतिवर्ष सावन माह की संक्रांति को पौराणिक जागरों का गायन शुरू होता है तथा आश्विन माह की दो गते को भगवती राकेश्वरी को ब्रह्म कमल अर्पित करने के बाद पौराणिक जागरों के गायन का समापन होता है।
भगवती राकेश्वरी के पुजारी भगवती प्रसाद भट्ट ने बताया कि पौराणिक जागरों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं, महाभारत के 18 पर्वो, शिव-पार्वती की जीवन लीलाओं सहित हरि के द्वार हरिद्वार से लेकर चौखम्बा हिमालय तक विराजमान सभी देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान किया जाता है।
बदरी केदार मन्दिर समिति पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने बताया मंगलवार को ग्रामीण ऊंचाई वाले इलाकों के लिए रवाना होगे तथा लगभग 14 हजार की ऊंचाई से ब्रह्म कमल लाकर भगवती को अर्पित करेंगे तथा ब्रह्म कमल अर्पित करने के बाद पौराणिक जागरों के गायन का समापन होगा।
प्रधान सोनिया पंवार ने बताया कि पौराणिक जागरां के समापन पर लगने वाले मेले में शामिल होने के लिए धियाणियां ने रासी गाँव की ओर रूख कर दिया है जिससे मदमहेश्वर घाटी सहित रासी गाँव मे रौनक लौटने लगी है।
तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित जीवन्ती देवी खोयाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य रेशमा भट्ट, अनीता देवी, पुष्पा देवी, माहेश्वरी, कविता देवी ,हिमानी देवी, शिक्षाविद रवीन्द्र भट्ट, कलम सिंह बिष्ट, विनोद बिष्ट, रणजीत रावत, नरेन्द्र पंवार सहित रासी के समस्त ग्रामीणों ने पौराणिक जागरों के समापन पर लगने वाले धार्मिक मेले में जनमानस से सहभागिता का आवाहन किया है।

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