नया आयकर कानून अगले वर्ष 01 अप्रैल 2026 से लागू किया जाएगा। नए कानून में तमाम सारे बदलाव होंगे। वित्तीय वर्ष, असेसमेंट वर्ष की जगह पर टैक्स वर्ष होगा, जिससे आम लोगों व करदाताओं को समझने में आसानी होगी।
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आयकर अधिनियम 1961 का स्थान लेने वाला आयकर विधेयक 2025 गुरुवार को संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल का उद्देश्य आम आदमी के लिए इनकम टैक्स कानूनों को आसान बनाना है।
इससे टैक्स से जुड़े मुकदमे भी कम होने की उम्मीद है। मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में अब तक 66 बजट (दो अंतरिम बजट सहित) के बाद कई बदलाव हो चुके हैं। इसके कई प्रावधान अब खत्म हो चुके हैं।
नया कानून 01 अप्रैल, 2026 से लागू होगा जो 64 साल पुराने कानून की जगह लेगा। इससे जुड़े बिल को पिछले हफ्ते कैबिनेट ने मंजूरी दी थी और अब इसे संसद में पेश करने की तैयारी है।
जानकारी के मुताबिक, नए कानून में तमाम सारे बदलाव किए जा रहे हैं। पुराना कानून में 880 पन्नों है लेकिन नए कानून में 622 पन्ने रखे गए हैं। नए कानून में ज्यादातर उपधाराओं को खत्म करने का प्रस्ताव है।
नए विधेयक के ड्राफ्ट में 536 धारा, 16 अनुसूचियां और 23 अध्याय दिए गए हैं। इसके साथ ही, छूट को लेकर नियमों को अलग-अलग धारा में जानकारी दी गई है। नए कानून में 536 धाराएं हैं। जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम में 298 धाराएं हैं। मौजूदा कानून में 14 अनुसूचियां हैं जबकि नए में 16 रहेंगी।
नए विधेयक किसी व्यक्ति के लिए (क), हिंदू विभाजित परिवार के लिए (ख) और लोगों के समूह के लिए (ग) जैसी उपधारा की जगह कर गणना को कर दर के मुताबिक किया गया है।
रक्षा क्षेत्र जैसे आर्मी, अर्धसैनिक बल और अन्य कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी पर कर में छूट दी गई है।
ध्यान रहे कि बीते वर्ष जुलाई में पेश बजट में वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम को सरल बनाने का ऐलान किया था, जिसके बाद पूरे आयकर कानून की बारीकी से विश्लेषण करने के लिए उप-समितियों का गठन किया गया, जिसकी सिफारिशों पर अब नया आयकर विधेयक तैयार किया गया है, जिसे अब लोक सभा में पेश किया जाना है।