उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। रविवार, 21 सितंबर 2025 को आयोजित UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
बेरोजगार संघ ने इसे खुला पेपर लीक करार दिया है और सरकार-आयोग पर सीधा हमला बोला है। युवाओं का कहना है कि बार-बार लीक हो रहे पेपर उनकी मेहनत और सपनों के साथ धोखा हैं।
परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई थी, लेकिन सिर्फ 11:35 बजे ही सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र की फोटो वायरल हो गई।
महज़ आधे घंटे में पेपर का बाहर पहुंच जाना परीक्षा सुरक्षा पर बड़ा सवाल है। लाखों युवाओं के भविष्य से ऐसे कैसे खिलवाड़ हो सकता है?
जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि पेपर की फोटो सबसे पहले टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के पास पहुंची।
ये फोटो उन्हें खालिद मलिक नामक शख्स ने भेजे थे, जिसने अपनी बहन के नाम से सवाल पूछकर उत्तर मांगे। सुमन ने जवाब भी दिए और स्क्रीनशॉट सेव कर लिए।
बॉबी पंवार पर बड़ा आरोप
पुलिस का कहना है कि सुमन पुलिस को जानकारी देने वाली थीं, लेकिन बॉबी पंवार ने उनसे स्क्रीनशॉट लिए और दबाव बनाया कि मामला आगे न बढ़े।
बाद में यही स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुए और पूरे राज्य में बवाल मच गया।
एसएसपी अजय सिंह ने SIT बनाकर जांच शुरू की है। लेकिन पुलिस का दावा कि यह सिर्फ “कुछ सवालों की फोटो” का मामला है, युवाओं को हजम नहीं हो रहा।
उनका कहना है कि अगर कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह को एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था, तो फिर पेपर कैसे बाहर पहुंचा? क्या ये सिर्फ छोटे खिलाड़ियों का खेल है या इसके पीछे बड़ी साजिश छिपी है?
बार-बार पेपर लीक की घटनाओं ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं का सब्र तोड़ दिया है। वे कहते हैं – “हर बार हमारी मेहनत और सपनों का मज़ाक उड़ाया जाता है। सरकार और आयोग हमें नौकरी नहीं, धोखा दे रहे हैं।”
बेरोजगार संघ ने मांग की है कि दोषियों को फौरन गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। सोमवार को प्रदेशभर में बेरोजगार संघ का तेज़ विरोध प्रदर्शन होने जा रहा है।

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