जल संस्थान के पीड़ित कर्मचारियों ने सपरिवार भरी हुंकार
श्रीकोट, श्रीनगर तथा शक्तिविहार में बीते 27 वर्षों से कार्यरत जल संस्थान संविदा कर्मियों को हटाए जाने के विरोध में पौड़ी जिले के जल संस्थान कर्मियों ने मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को जल संस्थान कार्यालय से तहसील कार्यालय तक जूलूस निकाला।
तहसील परिसर पहुंचकर आंदोलनकारियों ने नायब तहसीलदार दीपक भण्डारी को अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा।
यह है मामला
उत्तराखण्ड के जल संस्थान में तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी व कम्प्यूटर ऑपरेटर पदों पर ठेके की व्यवस्था से संविदाकर्मी तैनात किए गए थे।
स्थिति यह है कि दो दशक पूर्व नियुक्त किए गए इन संविदाकर्मियों को बारह सौ रूपए के वेतन पर बिना नियुक्ति पत्र तैनात किया गया और अब बिना किसी लिखित सूचना के हटा दिया गया है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा जल संस्थान के कार्यां की निगरानी तथा कर्मियों के पारिश्रमिक की व्यवस्था देख रहे ठेकेदारों को विभाग द्वारा कई-कई महीनों तक भुगतान नहीं किया जा रहा था। जिससे परेशान होकर ठेकेदारों ने इस व्यवस्था को संभालने से हाथ खड़े कर दिए।
अब विभाग ई-टेंडरिंग के माध्यम से जैम्स पोर्टल द्वारा निविदा कर चुका है जिसमें छत्तीसगढ़, बनारस, लखनऊ, राजस्थान आदि स्थानों के ठेकेदारों की निविदाएं खुली हैं। श्रीनगर तथा उसके आस-पास के कई स्थानों का कार्य देख रही छत्तीसगढ़ की सिद्धेश्वर सिक्योरिटी सर्विस कंपनी ने काम की शुरूआत संस्थान में ढाई दशक से कार्य कर रहे 38 कर्मियों को हटाकर की है। जिससे इन परिवारों पर आजीविका का संकट गहरा गया है।

शोषित कर्मियों का ही हो रहा शोषण
उत्तराखण्ड में बेरोजगारी तथा बेरोजगारों का आलम कैसा है श्रीनगर व उसके आस-पास जल संस्थान कार्यालय से बिना वजह हटा दिए गए 38 कर्मचारियों की स्थिति स्पष्ट कराती है।
कर्मचारी दिनेश चन्द्र पाठक की पत्नी राधा पाठक बताती है कि उनके घर में तीन बच्चे और पति-पत्नी कुल पांच सदस्य है। साढे नौ हजार रूपए के न्यूनतम वेतन पर काम कर रहे कर्मियों ने बीते दिसम्बर माह में जब आंदोलन किया तो उन्हें तीन हजार रूपए बढ़ाने का आश्वासन तो मिला लेकिन बीते पांच माह से वेतन ही नहीं मिल पाया और अब उन्हें बिना वजह कोई नोटिस दिए बगैर ही उन्हें काम से निकाल दिया गया है।

सरकार नहीं चेती तो बूंद-बूंद को तरसना पडे़गा
जल संस्थान के संविदाकर्मियों को हटाए जाने पर पौड़ी जिले के जल संस्थान कर्मियों ने सपरिवार मंगलवार को श्रीनगर में तपती दोपहरी में जूलूस निकाला। तहसील मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री के लिए पूर्व की भांति सभी कर्मियों की नियुक्ति के संबंध में ज्ञापन सौंपा है।
इस मौके पर संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष मंगलेख लखेड़ा ने कहा कि यदी तीन दिनों के भीतर राज्य सरकार नहीं चेती तो आंदोलन को वृहद स्वरूप देते हुए श्रीनगर जल संस्थान में ताले झड दिए जाएंगे तथा राज्यव्यापी आंदोलन से समस्त प्रदेश में पेयजल आपूर्ति बाधित कर दी जाएगी।
इस मौके पर सैकड़ों जल संस्थान कर्मी मौजूद थे।
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