प्राथमिक विद्यालय गडगू में 35 विद्यार्थियों पर एकमात्र शिक्षक
उत्तराखण्ड में एक ओर तो विद्यार्थियों के अभाव में सरकारी विद्यालय दम तोड़ रहे हैं, तो दूसरी ओर सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहे सरकारी विद्यालयों को मृतपाय किया जा रहा है।
रूद्रप्रयाग जिले का प्राथमिक विद्यालय गडगू सरकारी उपेक्षा की बानगी पेश करता है। यहां अध्ययनरत 35 विद्यार्थियों के लिए एक मात्र शिक्षक की नियुक्ति होने से अव्यवस्थाएं हावी हैं, तो विद्यार्थियों का पठन-पाठन भी।
विद्यालय में तैनात दूसरे अध्यापक का स्थानांतरण चुपचाप किये जाने से ग्रामीणों व अभिभावको में आक्रोश बना हुआ है जो कि कभी सड़कों पर फूट सकता है।
विद्यालय में अध्यनरत नौनिहालों का पठन-पाठन एकल अध्यापक के भरोसे संचालित होने से नौनिहालों का पठन-पाठन खासा प्रभावित होने के साथ एकल अध्यापक को भी अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा है।

बता दें कि, प्राथमिक विद्यालय गडगू में विगत कई समय से दो अध्यापक तैनात थे मगर विगत दिनों एक अध्यापक का स्थानांतरण होने के कारण विद्यालय में अध्ययनरत नौनिहालों का पठन-पाठन एकल अध्यापक के भरोसे संचालित हो रहा है।
अभिभावकों व ग्रामीणों द्वारा विभागीय अधिकारियो से दूसरे अध्यापक की तैनाती की मांग की गयी है मगर आज तक अतिरिक्त अध्यापक की तैनाती न होने से अभिभावकों में आक्रोश बना हुआ है।
निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा का कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का ढिंढोरा पीट रही है वही दूसरी ओर मदमहेश्वर घाटी के विभिन्न विद्यालयों में अध्यापकों की तैनाती न होने से नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय बनता जा रहा है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समय रहते प्राथमिक विद्यालय गडगू व जूनियर हाई स्कूल जग्गी बगवान में अध्यापकों की तैनाती नहीं की गयी तो ग्रामीणों को प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ सड़को पर उतरने के लिए बाध्य होना पडेगा।

निवर्तमान प्रधान बिक्रम सिंह नेगी का कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार सीमान्त गांवों में विकास की किरण पहुंचाने का दावा कर रही है दूसरी तरफ नौनिहालो के भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है।
निवर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण राणा, वन पंचायत सरपंच दीपक राणा, महिला मंगल दल अध्यक्ष प्रियंका देवी, नव युवक मंगल दल अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नेगी का कहना है कि यदि शीघ्र विद्यालय मे अतिरिक्त अध्यापक की तैनाती नहीं की गयी तो ग्रामीणों व अभिभावकों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन व शिक्षा विभाग की होगी।
वहीं दूसरी ओर प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी अतुल सेमवाल ने बताया कि शीघ्र नये अध्यापको की तैनाती होने वाली है मानकों के तहत विद्यालय में अध्यापकों की तैनाती की जायेगी।
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