रीजनल रिपोर्टर

सरोकारों से साक्षात्कार

उत्तरकाशी में हर्षिल के तेलगाड़ गदेरे में बनीं दो झीलें

इस बार का मानसून उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों पर भारी पड़ रहा है। खासकर उत्तरकाशी जिले में लगातार आपदाएं सामने आ रही हैं।

धराली आपदा, सेना कैंप पर भूस्खलन और स्यानाचट्टी में झील बनने के बाद अब हर्षिल के तेलगाड़ गदेरे में दो नई झीलें आकार ले चुकी हैं।

गुरुवार को तेलगाड़ के मुहाने के समीप पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ। मलबा और बोल्डर गदेरे में भर जाने से उसका प्रवाह धीमा हो गया और वहां दो झीलें बनने लगीं।

आवाज सुनते ही आसपास के ग्रामीण दहशत में आ गए। SDRF ने ड्रोन से इलाके की तस्वीरें लीं, जिनमें झीलें साफ दिखाई दे रही हैं।

ड्रोन से ली गई तस्वीरें

शुरुआत में खराब मौसम और तेज हवाओं के चलते SDRF का ड्रोन उड़ान नहीं भर सका। इसके बाद सेना ने उच्च तकनीक ड्रोन से क्षेत्र का निरीक्षण किया और तस्वीरें साझा कीं। इनमें तेलगाड़ गदेरे पर भूस्खलन से बनी दो झीलें स्पष्ट दिख रही हैं।

बीते 5 अगस्त को तेलगाड़ गदेरे में अचानक उफान आने से 15 फीट मलबा बहकर आया था। इस दौरान सेना के कैंप को भारी नुकसान हुआ और नौ जवान लापता हो गए थे, जिनमें से अब तक केवल एक का शव बरामद हुआ।

तब मलबे ने भागीरथी नदी का प्रवाह रोक दिया था और करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी झील बन गई थी, जिसमें गंगोत्री हाईवे का हिस्सा और हर्षिल हेलीपैड डूब गए थे।

प्रशासन अलर्ट पर

फिलहाल SDRF और प्रशासन की टीमें मौके का स्थलीय निरीक्षण करने की कोशिश कर रही हैं। डबरानी और सोनगाड़ के पास गंगोत्री हाईवे सुचारू होने के बाद मशीनें पहुंचाई गई हैं और झील का पानी सुरक्षित बहाने की तैयारी की जा रही है।

https://regionalreporter.in/kavita-bhatt-honored-with-mukunda-shraddha-teacher-shiromani-award-2025/
https://youtu.be/jGaRHT7bFcw?si=Csxm7fyYF51q3E27
Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: