दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं—अमेरिका और चीन—के बीच लंबे समय से चला आ रहा व्यापार युद्ध अब एक नए व्यापार समझौते के साथ समाप्ति की ओर बढ़ रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इसकी आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि लंदन में हुई गहन वार्ता के बाद दोनों देशों ने व्यापार समझौते पर सहमति जताई है।
दुर्लभ खनिज और बढ़ा टैरिफ
समझौते के तहत अमेरिका को चीन से दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति की जाएगी, जो तकनीकी उपकरणों, रक्षा प्रणाली और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में अत्यधिक उपयोगी हैं।
बदले में अमेरिका ने चीन से आने वाली वस्तुओं पर टैरिफ (आयात शुल्क) 55 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह कदम चीन पर दबाव बनाए रखने और घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
छात्रों को राहत: शिक्षा क्षेत्र में लचीलापन
इस व्यापार समझौते में शिक्षा क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। ट्रंप ने बताया कि चीन के छात्रों को अब अमेरिकी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई की अनुमति दी जाएगी। यह कदम चीन के शिक्षित वर्ग के लिए राहतभरा है और द्विपक्षीय संबंधों में सॉफ्ट पावर को भी मजबूती देगा।
ट्रंप का सोशल मीडिया पोस्ट
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “चीन के साथ हमारा महत्वपूर्ण व्यापार समझौता हो गया है। उन्होंने वह सब स्वीकार किया है जो जरूरी था। बदले में अमेरिका अपने हिस्से का पालन करेगा। यह दोनों देशों के लिए जीत की स्थिति है।”
बहरहाल, समझौते को अंतिम रूप देने से पहले अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था कि दोनों देश जिनेवा में पहले हुए समझौते और नेताओं की आपसी बातचीत को अमल में लाने के लिए तैयार हो गए हैं।
चीन के व्यापार मामलों के वरिष्ठ अधिकारी ली चेंगगांग ने भी यही बात दोहराई। गौरतलब है कि हाल ही में ट्रंप और शी जिनफिंग के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिससे दोनों के बीच चल रहा तनाव थोड़ा कम हुआ। इससे पहले मई में स्विट्जरलैंड में हुई एक बैठक में तय हुआ था कि अप्रैल में जोड़े गए नए टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोका जाएगा और कुछ पुराने फैसले भी वापस लिए जाएंगे।
