सॉफ्टवेयर इंटीग्रेशन में देरी बनी वजह
एनपीसीआई और वाहन डेटाबेस से लिंक न होने के कारण दिसंबर के दूसरे हफ्ते तक टली शुरुआत
उत्तराखंड में अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूली की प्रक्रिया फिलहाल तय समय पर शुरू नहीं हो पाएगी।
परिवहन विभाग की ओर से पहले यह व्यवस्था 1 दिसंबर से लागू करने की तैयारी थी, लेकिन तकनीकी अड़चनों के कारण इसमें देरी हो गई है।
दरअसल, ग्रीन सेस कलेक्शन के लिए तैयार सॉफ्टवेयर का अब तक एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) और भारत सरकार के वाहन डेटाबेस से इंटीग्रेशन पूरा नहीं हो सका है।
इस वजह से दिसंबर के दूसरे सप्ताह से प्रक्रिया शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।
हर साल लाखों वाहन, पर्यावरण पर बढ़ता दबाव
उत्तराखंड राज्य में हर वर्ष लाखों की संख्या में बाहरी राज्यों से वाहन पहुंचते हैं, जिससे प्रदेश के पर्यावरण पर प्रदूषण का बोझ बढ़ता है और पहाड़ी सड़कों पर ट्रैफिक दबाव भी लगातार बढ़ रहा है।
इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने का निर्णय लिया था, ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सड़क सुधार और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए संसाधन जुटाए जा सकें।
वर्ष 2024 में जारी हो चुका है नोटिफिकेशन
उत्तराखंड सरकार ने 2024 की शुरुआत में ही ग्रीन सेस को लेकर अधिसूचना जारी कर दी थी। लेकिन तकनीकी कारणों और प्रणालीगत तैयारियों के अभाव में अब तक इसे लागू नहीं किया जा सका है।
परिवहन विभाग का दावा है कि दिसंबर 2025 में इसे पूरी तरह लागू करने की दिशा में अब अंतिम चरण की तैयारियां चल रही हैं।
एएनपीआर तकनीक से होगा ग्रीन सेस कलेक्शन
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां ग्रीन सेस की वसूली ANPR (Automatic Number Plate Recognition) तकनीक से की जाएगी।
उन्होंने कहा “इस व्यवस्था के तहत वाहन की नंबर प्लेट कैमरे में आते ही ग्रीन सेस अपने आप फास्टैग वॉलेट से कट जाएगा। प्रदेश के 37 स्थानों पर 150 ANPR कैमरे लगाए जा चुके हैं और सॉफ्टवेयर भी तैयार है। अब केवल NPCI और केंद्र सरकार के वाहन डेटाबेस से इंटीग्रेशन बाकी है।”
दिसंबर में शुरू होने की पूरी संभावना
परिवहन विभाग के अनुसार, इस तकनीकी प्रक्रिया में अभी 10 से 12 दिन का समय और लग सकता है। इसी कारण अब संभावना है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह से ग्रीन सेस वसूली शुरू कर दी जाएगी।
इंटीग्रेशन प्रक्रिया को तेज करने के लिए विभाग की एक टीम दिल्ली भेजी गई है।

















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