कुमाऊं विश्वविद्यालय कार्यक्रम के बाद अचानक बिगड़ी तबीयत
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर बुधवार को नैनीताल पहुंचे। यहां उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य समारोह में भाग लिया। लेकिन कार्यक्रम के समापन के बाद सभागार से बाहर निकलते समय उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत नैनीताल राजभवन ले जाया गया और प्राथमिक उपचार दिया गया।
हल्द्वानी में हुआ स्वागत, फिर पहुंचे नैनीताल
25 जून दोपहर को उपराष्ट्रपति धनखड़ हल्द्वानी आर्मी हेलीपैड पर उतरे। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने उनका औपचारिक स्वागत किया। इसके बाद उपराष्ट्रपति सड़क मार्ग से नैनीताल राजभवन पहुंचे, जहां कुछ समय विश्राम करने के बाद वे कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे।
‘एक पेड़ मां के नाम’ से कार्यक्रम का शुभारंभ
कुमाऊं विश्वविद्यालय की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित इस विशेष समारोह का उद्घाटन उपराष्ट्रपति ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण करके किया। इस मौके पर उन्होंने विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना की और युवाओं को शिक्षित, जागरूक और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनने का संदेश दिया।
कार्यक्रम के बाद सभागार से निकलते वक्त तबीयत बिगड़ी
समारोह समाप्त होने के बाद जैसे ही उपराष्ट्रपति सभागार से बाहर निकल रहे थे, अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। सूत्रों के अनुसार, उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ। मौके पर मौजूद पूर्व सांसद महेंद्र पाल, सुरक्षा अधिकारी और स्टाफ ने तत्काल उन्हें वाहन में बैठाया और राजभवन पहुंचाया।
डॉक्टरों की निगरानी में दी गई प्राथमिक चिकित्सा
राजभवन पहुंचने के बाद दिल्ली से साथ आए मेडिकल स्टाफ और नैनीताल जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने तुरंत उनका प्राथमिक इलाज शुरू किया। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों में भी हड़कंप मच गया। हालांकि, पूर्व सांसद महेंद्र पाल ने बताया कि उपराष्ट्रपति भावुक हो गए थे, जिस कारण उनकी तबीयत थोड़ी गड़बड़ हुई, लेकिन कुछ ही देर में वे सामान्य हो गए।
