श्रीनगर गढ़वाल: सोमवार, 21 जुलाई को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के बिड़ला परिसर स्थित ए.सी.एल. सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
यह कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन एवं आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से आरंभ होने वाले चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में आयोजित की गई।
कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कार्यान्वयन एवं समन्वय समिति द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
इस कार्यशाला में विज्ञान, भू-विज्ञान, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान, कला-भाषा, वाणिज्य, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी तथा प्रबंधन अध्ययन विभागों के डीन, विभागाध्यक्ष और पाठ्यक्रम निर्माण में शामिल शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यशाला का उद्देश्य एनईपी-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम के निर्माण हेतु आवश्यक मार्गदर्शन और अकादमिक संवाद को सुदृढ़ करना है।

एनईपी-2020 उच्च शिक्षा प्रणाली की दिशा में एक दूरदर्शी प्रयास : कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह
कार्यक्रम के दौरान विवि कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश ने अपने संबोधन में कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 देश की उच्च शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी प्रयास है।
इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रत्येक सदस्य चाहे वह शिक्षक हों, प्रशासक या छात्र का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह हम सबकी साझा जिम्मेदारी है कि हम गुणवत्तापरक शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान की संस्कृति को संस्थागत रूप दें, जिससे विश्वविद्यालय की शैक्षणिक रैंकिंग और प्रतिष्ठा में निरंतर सुधार हो सके वहीं उन्होंने सभी विभागों से अपने-अपने पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित कम से कम एक प्रश्नपत्र शामिल करने का सुझाव दिया गया।
इस अवसर पर एनईपी के विश्वविद्यालय सम्नवयक प्रो. प्रशान्त कण्डारी ने नवाचारपूर्ण पाठ्यक्रम ढाँचे, बहु-विषयक दृष्टिकोण तथा छात्रों की संपूर्ण प्रतिभा-विकास के विविध पहलुओं पर विचार-विमर्श किया।
उन्होंने बताया कि, एनईपी 2020 के अधिकांश पाठ्यक्रम बन चुके हैं लेकिन उसमें आए कुछ बदलाव और शेष पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी देना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यशाला में शिक्षकों ने न केवल चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम की संरचना को समझा, बल्कि इसके सफल क्रियान्वयन हेतु व्यावहारिक सुझाव और अनुभव भी साझा किए।
इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.ओ.पी. गुसाईं, संकायध्यक्ष प्रो.हरभजन चौहान, प्रो.मंजुला राणा समेत सभी संकायध्यक्ष, विभागाध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।

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