हिमालयी वातावरणीय एवं अंतरिक्ष भौतिकी शोध प्रयोगशाला, भौतिकी विभाग के मुख्य अन्वेषक और सहायक प्रोफेसर डॉ आलोक सागर गौतम और शोध छात्र अमन दीप विश्वकर्मा 13वें एशियाई एयरोसोल सम्मेलन में शोध-पत्र प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित।
विस्तार
हिमालयी वातावरणीय एवं अंतरिक्ष भौतिकी शोध प्रयोगशाला, भौतिकी विभाग हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड के मुख्य अन्वेषक और सहायक प्रोफेसर डॉ आलोक सागर गौतम और शोध छात्र अमन दीप विश्वकर्मा 13वें एशियाई एयरोसोल सम्मेलन में 3 से 7 नवंबर 2024 के मध्य मलेशिया के कुचिंग सारावाक में आयोजित प्रतिभाग करेंगे।
यह सम्मलेन सभी एशियाई देशों और विश्व के वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता अपने नवीनतम शोध निष्कर्षों को प्रस्तुत करेंगे। डॉ. गौतम, जो वर्तमान में विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर हैं और उनके शोध छात्र, का यह शोध हिमालयी क्षेत्र की विशिष्ट वायु गुणवत्ता को समझने में मददगार साबित होगा। उनके मार्गदर्शन में यह प्रयोगशाला पिछले कुछ वर्षों से वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रही है।
इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंच डॉ. गौतम अपना महत्वपूर्ण शोध-पत्र “पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में गढ़वाल की उच्च ऊंचाई वाले स्थल पर नए धूल के कणों के निर्माण की प्रमुख विशेषताएं” विषय पर शोध प्रस्तुत करेंगे और अमन दीप “मौसम संबंधी आंकड़ों से एयरोसोल के आकार-वितरण की भविष्यवाणी के लिए मशीन लर्निंग मॉडल का विकास एवं अनुकूलन” प्रस्तुत करेंगे।
यह शोध कार्य वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मौसम विज्ञान के समन्वय का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है। विशेष उल्लेखनीय है कि अमन दीप को इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सहभागिता के लिए प्रतिष्ठित यात्रा अनुदान प्राप्त हुआ है, जो उनके शोध कार्य की गुणवत्ता और महत्व को प्रमाणित करता है।
हिमालयी वातावरणीय एवं अंतरिक्ष भौतिकी शोध प्रयोगशाला की स्थापना उत्तराखंड में एक महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में की गई थी। यह प्रयोगशाला हिमालयी क्षेत्र की विशिष्ट भौगोलिक और वातावरणीय परिस्थितियों के अध्ययन में विशेष योगदान दे रही है।
उत्तराखंड में स्थापित यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला वायु गुणवत्ता, मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, वन अग्नि की घटनाएं, वज्रपात की परिघटनाएं, वर्षा प्रतिरूप में परिवर्तन तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग के माध्यम से मौसम पूर्वानुमान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर उत्कृष्ट शोध कार्य कर रही है। इस प्रकार के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय शोध का प्रतिनिधित्व हमारे देश की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. गौतम ने 28वें भारतीय वैज्ञानिक अंटार्कटिका अभियान में भी भाग लिया है सौ से अधिक शोध पत्र विभिन्न शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं, सात पुस्तकें, चालीस पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए हैं, और पंद्रह से अधिक पेटेंट्स अनुदानित व प्रकाशित हुए हैं।
उन्होंने चार शोध परियोजनाओं को पूर्ण किया है और साठ से अधिक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों और कार्यशालाओं में शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके है, और उनकी अगुवाई में स्थापित हिमालयी वातावरणीय एवं अंतरिक्ष भौतिकी शोध प्रयोगशाला वायु प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं पर महत्वपूर्ण शोध कर रही है।
डॉ गौतम के बताया कि शोध छात्र अमन दीप का शोध कार्य विशेष रूप से मौसम विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समन्वय पर केंद्रित है। उनके द्वारा विकसित मॉडल मौसम संबंधी आंकड़ों का उपयोग कर वायुमंडलीय कणों के वितरण की सटीक भविष्यवाणी करने में सक्षम है। यह शोध कार्य वायु गुणवत्ता की निगरानी और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
एशियाई एयरोसोल सम्मेलन में की सहभागिता न केवल उनके शैक्षणिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, अपितु यह भारतीय विज्ञान की प्रगति का भी प्रतीक है। इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन युवा शोधार्थियों को विश्व के प्रमुख वैज्ञानिकों से संवाद करने और अपने शोध कार्य को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर विभाग के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एस सी भट्ट, विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. हेमवतीं नंदन, वरिष्ठ प्रो. टी सी उपाध्याय और सभी संकाय सदस्यों ने डॉ गौतम और अमनदीप को शुभकामनाये दी है।