महाराष्ट्र के ठाणे जिले में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। चलती लोकल ट्रेन से गिरकर 5 यात्रियों की मौत हो गई,इससे रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
इस घटना के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर भी देखे जा रहे हैं। इसमें यात्री ट्रेन से गिरते दिखाई दे रहे हैं। कसारा जा रही मुंबई ट्रेन के गार्ड ने बताया कि दिवा और मुंब्रा स्टेशन के पास पांच यात्री ट्रेन से गिर गए। मृतकों की पहचान का पता लगाया जा रहा है। सभी मृतक 30 से 35 वर्ष के बीच बताए जा रहे हैं।
यह घटना ऐसे समय पर हुई जब लोकल ट्रेनें मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में लाखों यात्रियों की जीवनरेखा मानी जाती हैं। भीड़भाड़, ओवरलोडिंग और सुरक्षा में लापरवाही जैसे पुराने मुद्दे फिर एक बार सामने आ गए हैं।
हादसे का विवरण
यह हादसा सोमवार सुबह कसारा लोकल में हुआ, जो ठाणे जिले से गुजर रही थी। ट्रेन में अत्यधिक भीड़ होने के कारण कई यात्री दरवाजों पर लटके हुए यात्रा कर रहे थे। इसी दौरान दूसरी ओर से पुष्पक एक्सप्रेस गुजर रही थी, जो अप ट्रैक से तेज रफ्तार में आ रही थी। पुष्पक एक्सप्रेस की चपेट में आने से लोकल ट्रेन के दरवाजों पर लटके पांच यात्री गिर पड़े और मौके पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई।
चश्मदीदों के अनुसार, हादसे के वक्त लोकल ट्रेन में इतनी भीड़ थी कि अंदर खड़ा होना भी मुश्किल था। कई लोग दरवाजों से लटके हुए थे, जिनमें से कुछ का संतुलन बिगड़ गया और वे ट्रेन से नीचे गिर गए।
रेलवे बोर्ड की त्वरित प्रतिक्रिया
इस दर्दनाक घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने तत्काल संज्ञान लेते हुए यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि ओवरलोडिंग और दरवाजों पर लटक कर यात्रा करने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। मुंबई उपनगरीय रेलवे को अतिरिक्त आरपीएफ बल तैनात करने, प्लेटफॉर्म पर निगरानी बढ़ाने और भीड़ प्रबंधन के लिए नई रणनीति लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, रेलवे ने यह भी बताया कि जल्द ही कुछ ट्रेनों में स्वचालित दरवाजों की व्यवस्था की जाएगी, जिससे दरवाजे खुले रहने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर इस ओर इशारा करता है कि भीड़भाड़ और व्यवस्थागत खामियां मुंबई लोकल ट्रेनों की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हैं। यात्रियों का कहना है कि लोकल ट्रेनों की संख्या और समय सारणी में सुधार जरूरी है, जिससे अत्यधिक भीड़ को कम किया जा सके। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर नाराजगी भी जताई और रेलवे से ठोस सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की।