उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता अधिनियम (Uniform civil code) सोमवार, 27 जनवरी, 2025 से लागू हो गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया।
इसके अंतर्गत आने वाले कानून प्रदेश से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के नागरिकों पर भी लागू होंगे। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू से शादी के रजिस्ट्रेशन से लेकर तलाक एवं अन्य नियम सभी धर्म और मजहब के लोगों पर एक समान लागू होंगे। सीएम धामी द्वारा यूसीसी पोर्टल को भी लॉन्च कर दिया गया।
इसी पल से उत्तराखंड में सभी जाति धर्म की महिलाओं को समान न्याय की शुरुआत हो गई है। 2022 के चुनाव में हमने जो जनता से वायदा किया था, उसे आज हम पूरा कर रहे हैं।
अब से हलाला, इद्दत, बाल विवाह, बहु विवाह पर पूरी तरह से रोक होगी। संविधान के अनुच्छेद-342 में अनुसूचित जनजातियों को सरंक्षित किया गया है, इसलिए उन्हें बाहर रखा गया है।
किसी धर्म संप्रदाय को टार्गेट करने जैसा यूसीसी में कुछ नहीं है। केवल कुप्रथाओं को प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि कई देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है।
निकाह पर कोई रोक नहीं है, जैसे पहले रस्म होती थी वैसे ही होंगी। लेकिन सभी में न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल की गई है।
संपति के अधिकार में बच्चों का भी बराबर का अधिकार होगा, चाहे वह लिव इन रिलेशनशिप से जन्मा बच्चा ही क्यों न हो, विवाह और तलाक दोनों में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।