महाराष्ट्र सरकार ने 28 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया है, जिसमें राज्य सरकार, केंद्र सरकार से जुड़े राज्य कर्मचारी, डेपुटेशन पर काम करने वाले अधिकारी, संविदा कर्मी और पीएसयू एवं कॉर्पोरेशन बोर्ड्स में कार्यरत कर्मचारियों को सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर सख्त दिशानिर्देश दिए गए हैं।
सर्कुलर के मुताबिक, किसी भी सरकारी कर्मचारी को राज्य या केंद्र सरकार की वर्तमान या पूर्व नीतियों, कामकाज या कार्यों की आलोचना या टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है। ऐसा करना महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1979 का उल्लंघन माना जाएगा और इसके लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी का संदेश
सरकार ने साफ किया है कि सोशल मीडिया पर जिम्मेदार व्यवहार अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक, घृणास्पद, मानहानि या भेदभावपूर्ण सामग्री पोस्ट करना, शेयर करना या फॉरवर्ड करना प्रतिबंधित है।
इसके अलावा, गोपनीय या आधिकारिक दस्तावेज को बिना अनुमति किसी भी प्लेटफॉर्म पर शेयर करना सख्त वर्जित है।
पब्लिक और प्राइवेट अकाउंट का विभाजन
सर्कुलर में कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग अकाउंट रखें:
- पर्सनल अकाउंट: निजी विचारों और व्यक्तिगत सामग्री के लिए
- पब्लिक अकाउंट: आधिकारिक विचारों और सरकारी स्टैंड के लिए

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