चुनाव आयोग का कैलेंडर तैयार
21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफ़े ने दिल्ली की सियासत में हलचल मचा दी। यह इस्तीफ़ा उतना ही चौंकाने वाला था जितना कि अब उसके बाद होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा।
विस्तार
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कार्यक्रम जारी करते हुए कहा कि 7 अगस्त को अधिसूचना जारी होगी। 21 अगस्त नामांकन की आखिरी तारीख रखी गई है, जबकि 25 अगस्त तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकते हैं।
9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा और शाम तक देश का 17वां उपराष्ट्रपति सामने होगा।
चुनाव कराने के लिए राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। रिटर्निंग ऑफिसर के सहयोग के लिए राज्यसभा से ही जुड़े दो सहायक रिटर्निंग ऑफिसर भी नियुक्त किए गए हैं।
संसद भवन में होगा चुनावी रण
संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत उपराष्ट्रपति को संसद के दोनों सदनों के सदस्य चुनते हैं। लोकसभा और राज्यसभा के कुल 782 सदस्य (जिनमें नामित सदस्य भी शामिल हैं) इस चुनाव में मतदान करेंगे।
संसद भवन के अंदर सीक्रेट बैलेट से वोटिंग होगी, जिसे हमेशा की तरह बाहरी दुनिया से पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।
सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (एक वोट, कई पसंद)
उपराष्ट्रपति का चुनाव किसी आम चुनाव जैसा नहीं होता। इसमें सांसद अपने वोट को प्राथमिकताओं में बांटते हैं — पहली पसंद को 1, दूसरी को 2, और ऐसे ही आगे। जीत के लिए कोटा तय होता है: कुल वोटों को आधा कर उसमें एक जोड़ा जाता है।
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