अगली सुनवाई 27 अगस्त को
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण में नियमों की अनदेखी के मामले में एक अहम आदेश जारी किया है।
अदालत ने निर्देश दिया है कि उधमसिंह नगर जिले के पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव परिणाम फिलहाल घोषित नहीं किया जाएगा, हालांकि अन्य पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी रहेगी।
यह निर्णय हाईकोर्ट में लंबित याचिका पर अंतिम आदेशों के अधीन रहेगा। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है।
क्या है मामला
यह याचिका जितेंद्र शर्मा द्वारा दाखिल की गई थी, जिन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण तय करते समय नियमावली का पालन नहीं किया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि आरक्षण प्रक्रिया 2011 की जनगणना के आधार पर की गई, जबकि OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) की वर्तमान जनसंख्या के अनुसार आरक्षण रोस्टर तैयार नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि:
- वर्तमान में OBC की सर्वाधिक जनसंख्या हरिद्वार में है, इसके बाद उत्तरकाशी, फिर उधमसिंह नगर और देहरादून का स्थान आता है।
- यदि शासनादेशों के अनुसार आरक्षण तय किया गया होता, तो यह सीट हरिद्वार या उत्तरकाशी को मिलनी चाहिए थी।
- सरकार ने सभी जिलों का आरक्षण मूल्यांकन किया, लेकिन हरिद्वार में चुनाव ही नहीं कराए, जो प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न खड़े करता है।
याचिकाकर्ता की मुख्य मांगें
- सरकार यह स्पष्ट करे कि आरक्षण निर्धारण किस आधार पर किया गया।
- वर्तमान प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए और आरक्षण रोस्टर को नियमों के तहत पुनः जारी किया जाए।
- जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का आरक्षण तय करने में प्रभावी नियमावली का पालन सुनिश्चित हो।
न्यायालय का निर्देश
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव की शेष सभी प्रक्रियाएं यथावत चलती रहेंगी, लेकिन उधमसिंह नगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद का परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। यह निर्णय न्यायालय के अंतिम आदेश के अधीन रहेगा, जिसकी अगली सुनवाई 27 अगस्त को की जाएगी।

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