अंकिता भंडारी हत्याकांड की तीसरी बरसी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान टिहरी के एक युवक ने पुलिस पर अमानवीय व्यवहार और बर्बरता करने का गंभीर आरोप लगाया।
युवक का कहना है कि पुलिस ने उसे चौकी में निर्वस्त्र कर डंडों और बेल्ट से पीटा, पेशाब पिलाई और थूक मिलाकर पानी पीने व जूता चाटने तक को मजबूर किया।
लंबगांव निवासी केशव थलवाल ने सभा के दौरान बताया कि वह इंटरनेट मीडिया के जरिए पुलिस की हर छोटी-बड़ी नाकामी को लगातार उजागर करता रहा।
इसी से नाराज होकर 9 मई 2025 की शाम लंबगांव थानाध्यक्ष और दो एसआई उसे एसएसपी से बुलावे की बात कहकर कार में ले गए। लेकिन सीधे एसएसपी के पास ले जाने के बजाय उसे कोटी कॉलोनी चौकी ले जाया गया, जहां कथित रूप से बर्बरता की सारी सीमाएँ पार की गईं।
केशव के अनुसार चौकी में पिटाई के बाद उसे जाख तिराहे पर ले जाकर चाकू थमा दिया गया और फिर पुलिस पर हमले की मनगढ़ंत कहानी बनाकर जेल भेज दिया गया। वह करीब चार माह जेल में रहा और कुछ ही दिन पहले जमानत पर बाहर आया है।
उच्चस्तरीय जांच की मांग
इस मामले में युवक ने उच्च स्तरीय जांच और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठाई है।
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद यूकेडी के केंद्रीय उपाध्यक्ष आशुतोष नेगी ने भी कहा कि जब तक पहाड़ के युवाओं का उत्पीड़न करने वाले पुलिस अधिकारियों की वर्दी नहीं उतरवाई जाती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
युवक के गंभीर आरोपों के बाद आइजी ने मामले में टिहरी एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है। फिलहाल सीओ नरेंद्रनगर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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