हाई कोर्ट ने प्रो. बृजेन्द्र सिंह की याचिका खारिज की
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एम्स ऋषिकेश में रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है। एनाटॉमी विभाग के प्रोफेसर बृजेन्द्र सिंह ने सीबीआई के एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से दर्ज मुकदमे और दाखिल चार्जशीट को निरस्त करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकल पीठ ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता पर लगाए गए आरोपों से प्रथम दृष्टया अपराध का खुलासा होता है। ऐसे में इस स्तर पर कार्रवाई समाप्त करने का कोई आधार नहीं है।
क्या है मामला
एम्स ऋषिकेश में रोड स्वीपिंग मशीन खरीद के लिए 27 अक्टूबर 2017 को टेंडर जारी किया गया था। इस टेंडर में धांधली की शिकायत पर सीबीआई देहरादून ने 24 अप्रैल 2022 को प्राथमिकी दर्ज की थी। एफआईआर में प्रो. बृजेन्द्र सिंह समेत छह लोगों को आरोपित बनाया गया।
सीबीआई जांच में आरोप लगाया गया कि एम्स की टेंडर मूल्यांकन और भंडार खरीद समिति के सदस्यों ने दिल्ली की फर्म मैसर्स प्रोमेडिक डिवाइसेस और उसके मालिक पुनीत शर्मा के साथ आपराधिक साजिश रची।
आरोप है कि पात्र बोलीदाताओं यूरेका फोर्ब्स लिमिटेड और आइओटीए इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन को अयोग्य करार दिया गया, जबकि अपात्र फर्मों को सफल घोषित किया गया।
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