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सरोकारों से साक्षात्कार

गढ़वाल विश्वविद्यालय और गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के बीच एमओयू

अग्निवीर अब एचएनबी गढ़वाल विवि से डिग्री व कौशल प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे

सैन्य कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय और गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर (GRRC), लैंसडाउन के बीच मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस करार के तहत अब गढ़वाल राइफल्स के अग्निवीर विश्वविद्यालय से डिग्री और कौशल आधारित प्रमाणपत्र कोर्स कर सकेंगे।

एमओयू पर गढ़वाल विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, कुलसचिव प्रो. राकेश कुमार ढोड़ी तथा जीआरआरसी लैंसडाउन की ओर से कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने हस्ताक्षर किए।

अग्निवीरों के लिए तैयार किया गया विशेष स्किल कोर्स

गढ़वाल विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की फैकल्टी के सहयोग से आठ माह की अवधि का डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया गया है।

यह एक स्किल-बेस्ड कोर्स होगा, जो अग्निवीरों को भविष्य के लिए शैक्षणिक और व्यावसायिक रूप से सशक्त बनाएगा।

यह पहली बार है जब गढ़वाल विश्वविद्यालय ने सैन्य कल्याण को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार का विशेष शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किया है।

‘स्कॉलर वॉरियर’ बनने की दिशा में बड़ा कदम : ब्रिगेडियर नेगी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीआरआरसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने कहा कि यह दिन अग्निवीरों के जीवन का बेहद महत्वपूर्ण दिन है।

उन्होंने कहा “इस समझौते से अग्निवीरों को मल्टी-डोमेन ट्रेनिंग का नया आयाम मिलेगा। यह उन्हें एक स्कॉलर वॉरियर बनने में मदद करेगा और भविष्य में यह पहल उनके लिए मील का पत्थर साबित होगी।”

उन्होंने आगे कहा कि यह करार न केवल अग्निवीरों का मनोबल बढ़ाएगा बल्कि उन्हें राष्ट्रीय सेवा और सुरक्षा जैसे दायित्वों में और अधिक सशक्त बनाएगा।

विश्वविद्यालय को वैश्विक पहचान दिलाने का संकल्प : कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश

गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने इसे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण बताया।

उन्होंने कहा, “मां भारती के रक्षकों के साथ शैक्षणिक सहयोग हमारे लिए सम्मान की बात है। आने वाले वर्षों में हम ऐसे और सकारात्मक प्रयास करेंगे, जिससे विश्वविद्यालय की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो।”

उन्होंने छात्रों से भी विश्वविद्यालय का नाम रोशन करने के लिए शिक्षा, शोध और नवाचार में नई उपलब्धियां हासिल करने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त बैंड ने मोहा मन

कार्यक्रम के बाद गढ़वाल राइफल्स बैंड ने ‘ओ देश मेरे’ सहित कई देशभक्ति धुनों की प्रस्तुति देकर उपस्थितजनों को भाव-विभोर कर दिया।

इसके पश्चात जीआरआरसी से पहुंचे सैन्य अधिकारियों ने चौरास परिसर का निरीक्षण कर विश्वविद्यालय की संरचनाओं और सुविधाओं की जानकारी ली।

इस अवसर पर कर्नल सुमित लिंगवाल, ले. कर्नल अमित पुरी, वित्त अधिकारी डॉ. संजय ध्यानी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. ओपी गुसांई, चौरास निदेशक प्रो. आरएस नेगी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. जेएस चौहान, प्रो. एचसी नैनवाल, वाईपी रेवानी, प्रो. बीपी नैथानी, डॉ. विजयकांत पुरोहित सहित अनेक अधिकारी व शिक्षक मौजूद रहे।

मंच संचालन भू-गर्भ विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट ने किया।

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