जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने के सरकारी दावों के बीच जमीनी हकीकत लगातार सवाल खड़े कर रही है।
ऐसा ही एक गंभीर मामला एकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाटीसैण से सामने आया है,
जहां उपचार के लिए लाए गए एक घायल व्यक्ति को बेड उपलब्ध कराने के बजाय
अस्पताल परिसर में ही जमीन पर लिटा दिया गया।
जमीन पर लेटा रहा घायल, इलाज में भी हुई देरी
गुरुवार को गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति को स्थानीय लोग उपचार के लिए पीएचसी पाटीसैण लेकर पहुंचे थे।
आरोप है कि अस्पताल में न तो उसे समय पर उपचार मिला
और न ही आवश्यक प्राथमिक सुविधाएं दी गईं।
घायल व्यक्ति को बिना बेड के फर्श पर ही छोड़ दिया गया।
इस दौरान वहां मौजूद एक व्यक्ति ने पूरी घटना का वीडियो मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया,
जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और चर्चा का विषय बना हुआ है।
ग्रामीणों में रोष, स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में पहले से ही स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं।
ऐसे में अस्पताल में इस तरह का व्यवहार आम जनता के लिए बेहद अपमानजनक और निराशाजनक है।
ग्रामीणों का आरोप है कि मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली
पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीण रेवत सिंह का बयान
घटना को लेकर ग्रामीण रेवत सिंह ने बताया-
“हमारे क्षेत्र में एक व्यक्ति गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था।
उसे पीएचसी पाटीसैण लाया गया, लेकिन इलाज देने के बजाय जमीन पर ही छोड़ दिया गया।
दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है।
ऐसे हालात लोगों को गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अस्पतालों में इस तरह का व्यवहार अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
सीएमओ पौड़ी का पक्ष
पूरे मामले पर डॉ. शिव मोहन शुक्ला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल ने सफाई देते हुए कहा—
“प्रकरण हमारे संज्ञान में आया है और इसकी जांच कराई जाएगी। पीएचसी पाटीसैण में 108 एंबुलेंस से एक मरीज लाया गया था, जो शराब के नशे में था। एंबुलेंस कर्मचारियों द्वारा मरीज को बेड पर रखने के बजाय जमीन पर छोड़ दिया गया। वर्तमान में पीएचसी पाटीसैण में वार्ड बॉय तैनात नहीं है, केवल महिला कर्मचारी मौजूद थीं, इसी कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।”
राजनीतिक रंग देने का आरोप
सीएमओ ने यह भी कहा कि कुछ समय बाद स्थिति सामान्य हो गई थी,
लेकिन कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया है।
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि चाहे जो भी परिस्थिति हो, मरीज को जमीन पर लिटाना किसी भी हाल में उचित नहीं ठहराया जा सकता।
घायल की पहचान और वर्तमान स्थिति
घायल व्यक्ति की पहचान अर्जुन भंडारी (उम्र लगभग 42 वर्ष) के रूप में हुई है।
वह अपने गांव पिपली गांव जाते समय गिर गए थे।
चोट लगने के बाद उन्हें 108 एंबुलेंस सेवा की मदद से पीएचसी पाटीसैण लाया गया। बाद में एक्स-रे के लिए उन्हें पौड़ी भेजा गया है।
















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