‘अबकी बार मोदी सरकार’ और ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ से बनाई पहचान
भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। मुंबई में आज उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। उनके निधन से पूरे विज्ञापन जगत में शोक की लहर है।
पीयूष पांडे ने ऐसे विज्ञापन बनाए जो लोगों के दिलों में बस गए। उनकी बनाई टैगलाइन और जिंगल आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं —
- एशियन पेंट्स: हर खुशी में रंग लाए
- कैडबरी: कुछ खास है जिंदगी में
- बजाज: हमारा बजाज
- कोका-कोला: ठंडा मतलब कोका-कोला
- स्वास्थ्य अभियान: दो बूंद जिंदगी की
उनकी रचनात्मक सोच ने भारतीय विज्ञापन जगत को एक नई पहचान दी। वे वही शख्स थे जिन्होंने 2014 में ‘अबकी बार मोदी सरकार’ जैसा यादगार राजनीतिक नारा तैयार किया।
जयपुर से मुंबई तक – प्रेरणा भरा सफर
पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। वे नौ भाई-बहनों में से एक थे। उनकी बहन अभिनेत्री इला अरुण और भाई प्रसून पांडे भी प्रसिद्ध हस्तियां हैं।
शुरुआत में उन्होंने क्रिकेट खेला और राजस्थान रणजी टीम से जुड़े। बाद में उन्होंने विज्ञापन एजेंसी Ogilvy & Mather में काम शुरू किया, जहां वे आगे चलकर चेयरमैन और ग्लोबल चीफ क्रिएटिव ऑफिसर बने।
पीयूष पांडे को 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वे कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों जैसे Cannes Lions और Clio Awards से भी नवाज़े गए।
उन्होंने न सिर्फ ब्रांड बनाए, बल्कि समाज के लिए भी कई अभियानों पर काम किया। उनका बनाया पोलियो उन्मूलन का नारा “दो बूंद जिंदगी की” करोड़ों भारतीयों के दिल में बस गया।
पीयूष पांडे का अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में किया जाएगा। परिवार, उद्योग जगत और विज्ञापन क्षेत्र की तमाम हस्तियां उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंच रही हैं।
पीयूष पांडे ने भारतीय विज्ञापन को भारतीयता, भावनाओं और मानवीय जुड़ाव से जोड़ा। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए रचनात्मकता और सादगी की मिसाल रहेगी।
















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