अहमदाबाद हादसे में 260 लोगों की मौत, NGO ने दायर की याचिका
अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी।
इस भीषण दुर्घटना के बाद विमानन सुरक्षा एनजीओ सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जांच की स्वतंत्र निगरानी और सभी डेटा को सार्वजनिक करने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट अधूरी और चयनात्मक है।
इसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग (CVR) का आंशिक ट्रांसक्रिप्ट दिया गया है, लेकिन टाइमस्टैम्प और संदर्भ न होने से रिपोर्ट की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने तकनीकी विसंगतियों को नज़रअंदाज करते हुए समय से पहले पायलटों को दोषी ठहराने की कोशिश की है। इससे जांच का असली मकसद — यानी भविष्य की दुर्घटनाओं को रोकना — पूरा नहीं हो पा रहा।
संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि इस तरह की अधूरी और पक्षपातपूर्ण जांच से यात्रियों का विश्वास टूट रहा है और नागरिकों को अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और सुरक्षा का अधिकार) से वंचित किया जा रहा है।
एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि हादसे से जुड़ा पूरा डेटा — ब्लैक बॉक्स, डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर सहित — सार्वजनिक किया जाए और जांच की निगरानी के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएं।
याचिका में कहा गया है कि इस प्रक्रिया का महत्व केवल मौजूदा हादसे तक सीमित नहीं है बल्कि भविष्य में उड़ान भरने वाले अनगिनत यात्रियों की सुरक्षा से भी जुड़ा है।

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