प्रसिद्ध लेखक एवं कवि डॉ.राजेश कुमार जैन ने लिखी है पुस्तक
समीक्षक: अरुण कुकसाल
ग्राम- चामी, पोस्ट- सीरौं- 246163
पट्टी- असवालस्यूं, विकासखण्ड- कल्जीखाल
जनपद- पौड़ी (गढ़वाल), उत्तराखण्ड
एक अध्येयता की समग्र दृष्टि : ‘मोक्षदाता श्री बदरीनाथ’
सुपरिचित रचनाकार डॉ. राजेश कुमार जैन की नवीनतम प्रकाशित कृति ‘मोक्षदाता श्री बदरीनाथ’ की पाँडुलिपि और तत्पश्चात पुस्तक का अध्ययन करने का अवसर मिला।

श्री बदरीनाथ के महात्म्य पर केन्द्रित यह पुस्तक गढ़वाल हिमालय की वन्यता और जनजीवन पर एक समाज विज्ञानी की सूक्ष्म खोजपरख समग्र दृष्टि को भी उद्घाटित करती है।
कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हैं डॉ.राजेश कुमार जैन
विभिन्न प्रतिष्ठित सम्मानों से विभूषित डॉ. राजेश कुमार जैन का रचना संसार बहुविविधता से सुशोभित है। अनेक विषयों और विधाओं में रचनाशील राजेश जैन की ख्यााति साहित्यकार, समाज विज्ञानी, भाषाविद, समीक्षक और घुमक्कड़ की है। यह व्यापक और गहन ज्ञान, हुनर और अनुभव की परिणिति उनके लेखन में स्वाभाविक रूप में हुई है।
लिहाजा, उनका सृजन समसामयिक सीमाओं से बंधा न रहकर एक चिरकालीन संदर्भ साहित्य के रूप में साहित्य और शोध जगत में विशिष्ट पहचान लिए हुए है।
द्वाराहाट, गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ पर भी लिखी हैं महत्वपूर्ण पुस्तकें
इस नवीनतम पुस्तक से पूर्व डॉ. राजेश जैन की कृतियाँ यथा- ‘उत्तराखण्ड का गौरव: द्वारहाट मन्दिर समूह ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक अध्ययन’, ‘गंगा-यमुना के उद्गम की ओर’ और ‘केदार हिमालय के पथ पर’ के अध्ययन का भी मुझे अवसर मिला।
‘उत्तराखण्ड का गौरव: द्वारहाट मन्दिर समूह ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक अध्ययन’
एक शोधपरख संदर्भ साहित्य के रूप में आज विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को मार्गदर्शित करता है। उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत पर यह एक अनुपम पुस्तक है।
यात्रा वृतांत पर आधारित हैं ये पुस्तकें
घुमक्कड़ी विधा की पुस्तकें यथा-‘गंगा-यमुना के उदगम की ओर’, ‘गढ़वाल पर्यटन- ताल, बुग्याल, फूलों की घाटियां तथा अदभुत यात्राऐं और ‘केदार हिमालय के पथ पर’ को पढ़ते हुए पाठक भी इन यात्राओं के सहयात्री जैसा आनन्द प्राप्त करते हैं।
राजेश जैन के यात्रा वर्णन में प्रकृति और समाज की जीवंत उपस्थिति रहती है। उनकी विशिष्टता, सौन्दर्य और सुख-दुःखों को राजेश जैन पूरे प्रवाह और प्रभाव के साथ सार्वजनिक करते हैं। यही नहीं समस्याओं के समाधान की ओर भी एक समाज विज्ञानी के बतौर अपने सुझाव प्रस्तुत करते हैं।
सर्वोच्च पर्यटन पुरस्कार राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार से हुए सम्मानित

इसी का सुफल है कि वर्ष- 2013-14 में ‘गंगा-यमुना के उदगम की ओर’ और वर्ष- 2014-15 में ‘गढ़वाल पर्यटन- ताल, बुग्याल, फूलों की घाटियां तथा अदभुत यात्राऐं’ यात्रा-पुस्तकों को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से प्रदत पर्यटन लेखन विधा का सर्वोच्च पुरस्कार ‘राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
डॉ. राजेश जैन के साझा कविता संग्रह के रूप में ‘सपनों के मोर पंख’, ‘नई सदी के हस्ताक्षर’ और ‘सपनों के शिखर’ पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।
नवीन पुस्तक ‘मोक्षदाता श्री बदरीनाथ’
इसके प्रकाशन में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान, देहरादून ने वित्तीय सहयोग प्रदान किया है। यह तथ्य इस पुस्तक की महत्वपूर्ण उपयोगिता को रेखाकिंत करता है।
प्रस्तुत पुस्तक ‘मोक्षदाता श्री बदरीनाथ’ की प्रस्तावना और परिचय में राजेश जैन ने हिमालय की विशद और गहन चर्चा की है। गम्भीर अध्ययन प्रवृति का ही परिणाम है कि अनेक दुर्लभ और प्रामाणिक शोध ग्रन्थों की सामाग्री को उन्होने उल्लेखित किया है। वेद, पुराण और अन्य पौराणिक ग्रन्थों के धर्म एवं विज्ञान सम्मत अवधारणाओं को इसमें विश्लेषित किया गया है।
राजेश जैन का व्यक्तित्व सदाबहार घुमक्कड़ और खोजी प्रवृति के प्रबल जिज्ञासू का है। अतः उनका लेखन हर स्तर, जगह और समय का अवलोकन करते गतिमान होता है। वे विषय और समय के बाहरी आवरण को ही नहीं निहारते वरन उसके अन्तःमन को भी बखूबी चित्रित करते हैं।
रुद्रप्रयाग से श्री बदरीनाथ के यात्रा लेखन में उन्होने छोटे से छोटे स्थलों और उनके आस-पास की जगहों का बारीकी से अध्ययन करके उन्हें धार्मिक और वैज्ञानिक कसौटी पर विश्लेषित करते हुए वर्णन किया है।
वे इस पुस्तक में अतीत, वर्तमान और भविष्य की समान दृष्टि लिए हुए चलते हैं। इन अर्थों में यह पुस्तक रुद्रप्रयाग से श्री बदरीनाथ तक के क्षेत्र को एक व्यापक फलक में सार्वजनिक करती हैं।
यह पुस्तक अपने बहुआयामी रूप में तीर्थयात्रा और पर्यटन विकास के साथ इस क्षेत्र के सर्वागींण विकास के नियोजन की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगी।
निःसंदेह, पुस्तक ‘मोक्षदाता श्री बदरीनाथ’ की उपयोगिता एक सामान्य पाठक से लेकर तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, अध्येताओं, नीति-नियंताओं, शोधार्थियों, शिक्षकों, तकनीकी विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा समाज वैज्ञानिकों के लिए सदैव रहेगी।
पुस्तक- ‘मोक्षदाता श्री बदरीनाथ’
लेखक – डॉ. राजेश कुमार जैन
संस्करण- प्रथम, 2024, पृष्ठ- 176, मूल्य- ₹ 300
प्रकाशक- समय साक्ष्य, 15 फालतू लाइन, देहरादून,
संपर्क फोन: 0135- 2658894, मोबाइल- 7579243444 एवं 9412680810

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