सीमान्त क्षेत्र अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष और राज्य मंत्री चंडी प्रसाद भट्ट ने आपदा प्रभावित छेनागाड़ क्षेत्र के अंतर्गत ताल जामण के बगड़ तोक समेत कई प्रभावित गांवों का दौरा किया।
यहां पहुंचने पर ग्रामीणों ने उन्हें आपदा से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया और शीघ्र समाधान की मांग रखी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राहत कार्य और क्षतिग्रस्त योजनाओं का पुनर्निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
भट्ट ने कहा कि प्रभावितों को आपदा मानकों के अनुसार मुआवजा दिया गया है और जो लोग राजस्व विभाग की सूची से छूट गए हैं, उन्हें भी जल्द ही मानकों के अनुरूप लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

भट्ट ने पेयजल और विद्युत विभाग को क्षतिग्रस्त लाइनों का त्वरित मरम्मत कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही अगस्त्यमुनि के खंड विकास अधिकारी को आपदा से क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों और खेत-खलिहानों को मनरेगा के अंतर्गत ठीक कराने के आदेश दिए।
दौरे के दौरान ग्रामीणों ने अपनी-अपनी समस्याएं भी साझा कीं। पूर्व प्रधान भीम सिंह पंवार ने बगड़ तोक के विस्थापन और भूगर्भीय सर्वेक्षण की मांग रखी। बीरबल सिंह ने क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों के मरम्मत की आवश्यकता बताई।
दीप देवी ने कहा कि बादल छाने पर प्रभावितों की चिंता बढ़ जाती है। आशीष कुमार ने सभी प्रभावितों को आपदा मानकों के अनुसार मुआवजा दिलाने की मांग की। नीता देवी ने मलवे से खेतों और फसलों को हुए भारी नुकसान की समस्या बताई। उमेश कुमार ने जानकारी दी कि ताल जामण के स्यूल तोक में लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे लोग भयभीत हैं।
महिपाल सिंह ने बताया कि आपदा के बाद भेड़पालन का रोजगार पूरी तरह प्रभावित हुआ है। वहीं मुकेश लाल ने कहा कि उनका मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था लेकिन उन्हें अब तक किसी भी श्रेणी का मुआवजा नहीं मिला।

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