डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र और राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में संविधान दिवस पर एक दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन परंपरागत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। स्वागत भाषण में कार्यक्रम संयोजक प्रो. एम.एम. सेमवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया।
उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की मजबूती पर जोर देते हुए लाल बहादुर शास्त्री का उद्धरण साझा किया— “हम रहे या न रहें, यह संविधान जीवित रहेगा।”

मुख्य वक्ता का संदेश
मुख्य अतिथि प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने “भारतीय संविधान की सर्वोच्चता” पर जोर देते हुए कहा:
- भारतीय संविधान विश्व का सबसे विस्तृत और उत्कृष्ट संविधान है।
- यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करता है।
- संविधान समय के साथ विकसित होने वाला गतिशील दस्तावेज है।
- उन्होंने अन्य देशों के मुकाबले भारत में मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं की महत्ता बताई।
- निर्वाचन आयोग, राजनीतिक अपराधीकरण, वोट की राजनीति और नागरिक उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

कुलपति और अन्य वक्ताओं के विचार
प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने कहा कि संविधान दिवस को “संविधान के प्रति निष्ठा का दिन” मानना चाहिए। छात्रों से अपने अधिकार और कर्तव्य समझने की अपील की।
प्रो. ओ.पी. गुसाई ने कहा कि संविधान न केवल अधिकार देता है, बल्कि कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा भी देता है।
महत्वपूर्ण एमओयू
कार्यक्रम में इंडियन पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन (इप्सा) के महासचिव प्रो. संजीव कुमार शर्मा और माननीय कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह की उपस्थिति में इप्सा तथा हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए गए, जो शैक्षणिक सहयोग एवं शोध उन्नयन की दिशा में एक अहम कदम है।
कार्यक्रम का समापन डॉ. राकेश नेगी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ।
विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और शोधार्थियों ने गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई।
संचालन विदुषी डोभाल ने किया।
















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