शूटिंग प्रैक्टिस में व्यस्त पूर्व विधायक के बेटे पर गंभीर आरोप; देहरादून पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पूरी की पहली कार्रवाई
देहरादून में पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह पर लगे मारपीट और धमकाने के आरोपों में अब जांच तेज हो गई है।
घटना को लेकर लगातार चर्चा और सवालों के बीच पुलिस ने आरोपी के वीडियो कॉल के माध्यम से बयान दर्ज कर लिए हैं।
पुलिस का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि आरोपी एक शूटिंग प्रैक्टिस कैंप में शामिल होने की वजह से शहर नहीं पहुँच पा रहा था।
घटना का विवादास्पद मोड़
14 नवंबर की रात ओल्ड मसूरी रोड पर हुए विवाद के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो के कारण मामला साधारण बहस से निकलकर हाई-प्रोफाइल मारपीट केस बन गया।
शिकायत के अनुसार:
- कार साइड न देने पर विवाद बढ़ा
- कहासुनी मारपीट तक पहुंच गई
- गनर पर हथियार दिखाने का भी आरोप
- पीड़ित पक्ष पूर्व मुख्य सचिव के परिवार से जुड़ा
इस घटना के बाद पुलिस पर कार्रवाई में तेजी लाने का दबाव बढ़ गया था।
वीडियो कॉल बयान
सूत्रों के अनुसार वीडियो कॉल के दौरान दिव्य प्रताप ने माना कि सड़क पर बहस हुई थी।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि:
- उन्होंने जानबूझकर किसी पर हमला नहीं किया
- गाड़ी साइड को लेकर तर्क-वितर्क हुआ
- घटना का वीडियो संदर्भ से हटकर वायरल किया गया
- वह शूटिंग तैयारी में व्यस्त होने के कारण शहर नहीं पहुंच पाए
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बयान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दर्ज किए गए हैं, लेकिन व्यक्तिगत उपस्थिति अभी भी जरूरी है।
गनर पर सबसे बड़ी कार्रवाई
गनर राजेश, जो घटना के समय दिव्य प्रताप के साथ मौजूद था, पर गंभीर आरोप लगे।
कानूनी प्रक्रिया के तहत:
- गनर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया
- हथियार के दुरुपयोग मामले में अलग से जांच
- विभागीय कार्रवाई की पूरी संभावना
- CCTV फुटेज और वायरल वीडियो को सबूत के रूप में जोड़ा गया
पुलिस की जांच
जांच सिर्फ मारपीट तक सीमित नहीं रही। टीम ने हाल में:
- दिव्य प्रताप के हथियार लाइसेंसों की समीक्षा
- SUV के चालानों और ड्राइविंग रिकॉर्ड
- गनर की ड्यूटी लॉगबुक
- मौके की तकनीकी एविडेंस मापिंग
जैसी कई प्रक्रियाएँ कुछ ही दिनों में पूरी कर ली हैं।
कानूनी स्थिति
कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो वीडियो कॉल के माध्यम से बयान दर्ज होना एक प्रोसीजरल स्टेप है। अभी:
- आरोपी की व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य
- मेडिकल व फॉरेंसिक रिपोर्ट शामिल की जा रही है
- पीड़ित पक्ष का अतिरिक्त बयान दर्ज होना बाकी
- वीडियो फुटेज की तकनीकी जांच जारी
अधिकारियों का कहना है कि यह केस जल्दी ट्रायल स्टेज में प्रवेश कर सकता है।



















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