तुर्की कनेक्शन की जांच तेज
राजधानी दिल्ली में लाल किले के सामने हुए भीषण कार धमाके के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। फोरेंसिक जांच में यह पुष्टि हो गई है कि कार चला रहा व्यक्ति डॉ. उमर नबी ही था।
डीएनए सैंपल उसके परिवार से मिलान करने के बाद बुधवार देर रात रिपोर्ट सामने आई, जिससे एजेंसियों के संदेह की पुष्टि हुई।
जांच में यह भी सामने आया है कि उमर नबी फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था और अपने साथियों के पकड़े जाने के बाद उसने खुद को कार के साथ उड़ा लिया।
पुलिस का मानना है कि यह आत्मघाती हमला पूरी तरह योजनाबद्ध था।
जांच एजेंसियों को उमर के विदेशी संपर्कों के भी सबूत मिले हैं। वह एक “Ukasa” नामक हैंडलर के संपर्क में था, जिसकी लोकेशन तुर्की के अंकारा शहर में पाई गई है।
एजेंसियां यह जांच रही हैं कि “Ukasa” असली नाम है या किसी गुप्त नेटवर्क का कोड नेम।
सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2022 में कुछ लोग अंकारा गए थे, जहां उनके कट्टरपंथी समूहों से संपर्क की आशंका है। बताया गया है कि उमर अपने हैंडलर से एन्क्रिप्टेड ऐप के ज़रिए संपर्क में रहता था।
उमर का रूट और दूसरी कार बरामद
सुरक्षा एजेंसियों ने उमर की दिल्ली आने की पूरी मूवमेंट ट्रेस कर ली है। फरीदाबाद से भागने के बाद वह मेवात, फिरोजपुर झिरका और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे होते हुए राजधानी की ओर आया।
रास्ते में एक ढाबे पर उसने रात बिताई थी और सीसीटीवी फुटेज में उसकी तस्वीरें दर्ज हैं।
इस बीच, उमर के नाम पर एक और लाल रंग की Ford EcoSport कार मिली है, जो हरियाणा के एक गांव से बरामद हुई।
कार को सुरक्षा एजेंसियों ने जब्त कर जांच शुरू कर दी है। एनएसजी की टीम ने मौके पर जाकर सर्च ऑपरेशन किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसमें कोई विस्फोटक सामग्री न हो।
सरकार ने माना आतंकी हमला
केंद्र सरकार ने इसे पहली बार आधिकारिक तौर पर आतंकी हमला बताया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे “राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा अंजाम दी गई साजिश” बताया गया।
गृह मंत्रालय ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि इस हमले में शामिल हर व्यक्ति की पहचान कर जल्द कार्रवाई की जाए।
दिल्ली पुलिस, एनआईए और फोरेंसिक टीम मिलकर जांच कर रही हैं। सीसीटीवी, डिजिटल रिकॉर्ड और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पूरी घटनाक्रम की टाइमलाइन तैयार की जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, “यह एक योजनाबद्ध और सुनियोजित आतंकी कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य दिल्ली में भय और अस्थिरता फैलाना था।”












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