6 जनवरी को छत्तीसगढ़ में नक्सली संगठनों के खिलाफ चल रही सुरक्षा बलों की धुआंधार कार्रवाई से घबराए नक्सली संगठनों ने जवानों पर एक बड़ा हमला किया है।
अबूझमाड़ के जंगलों में सोमवार को नक्सलियों के खिलाफ इस साल के पहले ऑपरेशन से लौट रहे जवानों की एक गाड़ी को बीजापुर में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से विस्फोट करके उड़ा दिया। हमले में दंतेवाड़ा डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी के आठ जवान शहीद हो गए। एक ड्राइवर की भी मौत हुई है।
बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक के अनुसार, यह विस्फोट बेदरे- कुटरू रोड पर उस समय हुआ जब सुरक्षाकर्मी दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर क्षेत्रों में चलाए गए संयुक्त अभियान से लौट रहे थे।
आईजी बस्तर ने कहा कि बीजापुर में नक्सलियों की ओर से आईईडी विस्फोट के माध्यम से उनके वाहन को उड़ा दिए जाने के बाद दंतेवाड़ा डीआरजी के 8 जवानों और एक चालक की जान चली गई। वे दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर के संयुक्त अभियान के बाद लौट रहे थे।
ऐसे किया विस्फोट
यह पिछले दो सालों में राज्य में सुरक्षा बलों पर Maoists का सबसे बड़ा हमला था और 2025 में पहला हमला था। पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने कहा कि दोपहर करीब 2.15 बजे जब दंतेवाड़ा जिले के डीआरजी जवान अपनी स्कॉर्पियो में नक्सल विरोधी अभियान के बाद लौट रहे थे, तब Maoists ने कुटरू पुलिस थाना क्षेत्र के तहत अंबेली गांव के पास आईईडी विस्फोट किया।
अधिकारी ने बताया कि, एसयूवी में यात्रा कर रहे सभी आठ DRG जवान और वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई। डीआरजी राज्य पुलिस की एक इकाई है और इसके कर्मियों को ज्यादातर स्थानीय आदिवासी आबादी और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से भर्ती किया जाता है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजा गया है और मृतकों के शव निकाले जा रहे हैं।