केदार घाटी में लम्बे समय से अघोषित विद्युत कटौती की समस्या बनी हुई है। तहसील मुख्यालय सहित आसपास के इलाकों में बिजली के गुल होना आम बात बनी हुई है।
सीमान्त क्षेत्रों में तीन-चार दिनों तक बिजली के गुल होने का खामियाजा सीमान्त गांवों के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
अघोषित विद्युत कटौती से भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी ओकारेश्वर मन्दिर में शाम – सुबह होने वाले वेदपाठ के साथ विधुत व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों का कामकाज खासा प्रभावित हो रहा है।
सीमान्त गांवों के ग्रामीण मीलों दूरी तय कर सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में अपने निजी कार्य करने के उद्देश्य से तहसील मुख्यालय तो पहुंचते है मगर घन्टों बिजली गुल होने से उन्हें बेरंग लौटना पड़ता है।
क्षेत्र में लम्बे समय से अघोषित विद्युत कटौती होने के कारण उपभोक्ताओं में ऊर्जा निगम के खिलाफ खासा आक्रोश बना हुआ है जो कि कभी भी सड़कों पर फूट सकता है।
उपभोक्ताओं का कहना है कि ऊर्जा निगम की लापरवाही के कारण क्षेत्र में लम्बे समय से अघोषित विद्युत कटौती की समस्या बनी हुई है।
जानकारी देते हुए कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री आनन्द सिंह रावत का कहना है कि केदार घाटी में 25 मेगावाट की तीन लघु जल विधुत परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन निरन्तर होने के बाद भी विद्युत कटौती होना स्थानीय उपभोक्ताओं के साथ सरासर धोखा होने के साथ ऊर्जा निगम की लापरवाही साफ उजागर होती है।
स्थानीय व्यापारी नवदीप नेगी ने बताया कि गर्मियों के सीजन में अघोषित विद्युत कटौती होने से व्यापारियों का कारोबार खासा प्रभावित हो रहा है तथा सांय ढलते ही बिजली गुल होना आम बात बनी हुई है।
मदमहेश्वर घाटी की सीमान्त ग्राम पंचायत रासी निवासी शिव सिंह रावत ने बताया कि सीमान्त गांवों में अघोषित विद्युत कटौती की समस्या लम्बे समय से बनी हुई है तथा ऊर्जा निगम के अधिकारियों को बार – बार अवगत कराने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
स्थानीय निवासी राय सिंह धर्म्वाण ने बताया कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में वेदपाठ शुरू होते ही बिजली गुल होना महीनो से जारी है।
मदमहेश्वर घाटी विकास मंच पूर्व अध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि सीमान्त गांवों के ग्रामीण सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में कई मीलो दूरी तय करने के बाद तहसील मुख्यालय पहुंचते है मगर घन्टों बिजली के गुल रहने से ग्रामीणो को बेरंग लौटना पड़ता है ।

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