SpaceX ने अपने छठी टेस्ट फ्लाइट में स्टारशिप रॉकेट सिस्टम को सफलतापूर्वक लॉन्च (Space X Launch) किया। हालांकि, इसकी वापसी की प्रक्रिया में गड़बड़ी आई और समुद्र में गिरने के कुछ ही पल बाद इसमें विस्फोट हो गया।
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दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप को भारतीय समय के अनुसार बुधवार सुबह 3:30 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया। ये स्टारशिप का छठा टेस्ट था। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी टेस्ट देखने के लिए स्टारबेस पहुंचे।
स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है। इस टेस्ट में बूस्टर को लॉन्च करने के बाद वापस लॉन्चपैड पर कैच किया जाना था, लेकिन सभी पैरामीटर ठीक नहीं होने के कारण इसे पानी में लैंड कराने का फैसला लिया गया।
वहीं स्टारशिप के इंजन को स्पेस में फिर से चालू किया गया। इसके बाद हिंद महासागर में लैंडिंग हुई। स्पेस में इंजन चालू करने की कैपेबिलिटी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसका इस्तेमाल आने वाले मिशन्स में डीऑर्बिट बर्न में होगा।
स्टारशिप को पृथ्वी पर वापसी के दौरान हायर एंगल ऑफ अटैक पर फ्लाई कराया गया। इससे फ्लैप कंट्रोल और थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम पर वैल्यूएबल डेटा मिला। इस डेटा की मदद से भविष्य में स्टारशिप के डिजाइन और सिस्टम्स में बदलाव करना आसान होगा।
इससे पहले कंपनी ने जब अपना पांचवा स्टारशिप लॉन्च किया था, तब उन्हें लॉन्चिंग और लैंडिंग दोनों में सफलता मिली थी। स्पेसएक्स ने अप्रैल 2023 में पहली बार पूर्ण रूप से इंटीग्रेटेड रॉकेट लॉन्च किया था। इसके बाद से SpaceX अपने स्टारशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम में तेजी से आगे बढ़ा है।
कंपनी एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर चालक दल और कार्गो को ले जाने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी के मालिक एलन मस्क साल 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं।