उत्तराखंड के लिए दुःखद खबर है। डोडा के अस्सर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में चार आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन के दौरान एक आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ करने के बाद एक अमेरिकी निर्मित एम4 राइफल, गोला-बारूद और रसद सामग्री भी बरामद की है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों को 4 पाकिस्तानी आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी और उन्होंने शाम होते ऑपरेशन शुरू किया।
जानकारी के मुताबिक, डोडा के अस्सर इलाके में भारतीय सेना ने फिर सर्च अभियान चलाया। इसी दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। मुठभेड़ में तलाशी दल का नेतृत्व करते समय सेना के एक अधिकारी घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
बलिदानी कैप्टन दीपक 48 राष्ट्रीय राइफल से हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कैप्टन दीपक ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अपने लोगों को निर्देशित करना जारी रखा। मुठभेड़ में उनको गोली लग गई। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि गंभीर चोटों के कारण कैप्टन ने दम तोड़ दिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी अस्सर में एक नदी के पास छिपे हुए हैं।
कैप्टन दीपक 2020 को सेना में कमीशन हुए थे
देहरादून के रेसकोर्स के रहने वाले निवासी 25 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को देहरादून लाया जाएगा। मूल रूप से अल्मोड़ा के रानीखेत के रहने वाले कैप्टन दीपक का परिवार अब देहरादून के रेसकोर्स में रहता है।
कैप्टन दीपक 13 जून 2020 को सेना में कमीशन हुए थे। शहीद दीपक काउंटर इंसर्जेसी 48 राष्ट्रीय राइफल्स में सिग्नल अधिकारी के पद पर तैनात थे। वह क्विक रिएक्शन टीम का नेतृत्व कर रहे जो अस्सर फॉरेस्ट एरिया में आतंकियों का सफाया करने में जुटी है।