राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार, 21 नवम्बर को IAS के. संजय मूर्ति को नए CAG (कम्पट्रोलर एण्ड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया) पद की शपथ दिलाई।
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के. संजय मूर्ति ने भारत के नए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के रूप में शपथ ले ली है। पूर्व उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति को गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के रूप में शपथ दिलाई।
हिमाचल प्रदेश कैडर के 1989 बैच के IAS अधिकारी के. संजय मूर्ति, गिरीश चंद्र मुर्मू का स्थान लेंगे। केंद्र ने 18 नवम्बर को मूर्ति को नया CAG नामित किया था।
शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य मौजूद थे।

गिरीश चंद्र मुर्मू का बुधवार को खत्म हुआ कार्यकाल
गिरीश चंद्र मुर्मू ने बुधवार, 20 नवम्बर को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में 21 नवंबर की सुबह 10 बजे आयोजित एक समारोह में के संजय मूर्ति ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के रूप में शपथ ली। उन्होंने राष्ट्रपति के समक्ष पद की शपथ ली
कौन हैं के. संजय मूर्ति?
के संजय मूर्ति हिमाचल प्रदेश कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। के. संजय मूर्ति ने इंजीनियरिंग में स्नातक किया और 1988 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें हिमाचल कैडर के आईएएस के रूप में नियुक्त किया गया।
2002 से 2007 के बीच, वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे, जहां उन्होंने पर्यावरण और वन मंत्रालय तथा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सेवा दी। उन्होंने हैदराबाद में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नमेंट (NISG) में भी काम किया।
2011 से 2013 तक, के. मूर्ति ने हिमाचल प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभागों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने एक वर्ष के लिए परिवहन, आवास और शहरी विकास मंत्रालय में प्रधान सचिव के रूप में भी सेवा दी।
के. मूर्ति द्वारा संभाला गया अंतिम पद शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग का सचिव था। मूर्ति को शासन, प्रशासन और वित्तीय प्रबंधन का व्यापक अनुभव है, जो उन्हें सीएजी के पद को संभालने के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है।
जानें क्या है कैग की भूमिका
भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) एक संवैधानिक पदाधिकारी हैं जो संसद/विधानमण्डल और कार्यकारी वर्ग से स्वतंत्र है। संविधान के अनुच्छेद 149 में संसद को संघ, राज्यों और किसी दूसरे प्राधिकरण या निकाय के खातों के संबंध में CAG के कर्तव्यों और शक्तियों को निर्धारित करने के लिए कानूनी आधार प्रदान किया गया है।
कैग कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें अधिनियम, 1971 में संसद में पारित किया गया था। भारत सरकार में लेखाओं को लेखापरीक्षा से अलग करने के लिए इस अधिनियम को 1976 में संशोधित किया गया था।
कैग का यह कर्तव्य है कि वह संघ और प्रत्येक राज्य तथा संघ शासित प्रदेशों की प्राप्तियों और व्यय की लेखापरीक्षा करे। कैग की लेखा परीक्षा रिपोर्ट संसद या राज्य या संघ शासित प्रदेश में जैसा भी मामला हो विधानमण्डल के समक्ष रखी जाती है।