बिहार के राजगीर में चल रहे महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने जापान को सेमीफाइनल में हरा कर फाइनल में अपनी जीत दर्ज कर ली है। यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा, क्योंकि दोनों टीमें अब तक टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर रही थी।
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महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में जापान को 2-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। भारत के लिए नवनीत कौर और लालरेम्सियामी ने गोल किए और टीम को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
भारत आज अपना फाइनल मुकाबला बुधवार, 20 नवंबर को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के खिलाफ खेलेगा, जिसने दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में मलेशिया को 3-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
भारत ने 16 पेनाल्टी कॉर्नर छोड़े
पहले तीन क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद 48वें मिनट में नवनीत कौर ने पेनल्टी स्ट्रोक पर भारत का खाता खोला जबकि 56वें मिनट में लालरेम्सियामी ने सुनेलिटा टोप्पो के बेहतरीन पास पर दूसरा गोल किया।
आखिरी ग्रुप मैच में जापान को 3-0 से हराने वाली भारतीय टीम 48वें मिनट तक गोल के लिए तरसती रही। भारत को पूरे मैच में 16 पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन एक पर भी गोल नहीं हो सका और रविवार को चीन के खिलाफ फाइनल से पहले कोच हरेंद्र सिंह के लिए यह चिंता का सबब होगा।
चौथे क्वार्टर के दूसरे मिनट में दीपिका को जापानी डिफेंडर द्वारा बाधा पहुंचाए जाने पर भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे नवनीत ने आसानी से गोल में बदला।
आखिरी सीटी बजने से पांच मिनट पहले सुनेलिटा से दाहिने फ्लैंक से मिले सटीक पास को गोल में बदलकर लालरेम्सियामी ने बिहार खेल परिसर स्टेडियम में भारी तादाद में जमा दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया।
भारत ने शुरुआत में ही बनाए थे गोल करने के मौके
भारतीय महिला प्लेयर्स ने ज्यादातर समय गेंद को अपने पास रखा और मैच पर नियंत्रण बनाए रखा। भारत ने मैच की शुरुआत में गोल करने के कई मौके बनाए, लेकिन पहले तीन क्वार्टर में गोल करने में सफलता नहीं मिल पाई थी।
कप्तान सलीमा टेटे के पास दसवें मिनट में सुनहरा मौका था लेकिन बाएं फ्लैंक से वह गेंद को पकड़ नहीं सकी। अगले मिनट में भारत को पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसे इस टूर्नामेंट में दस गोल कर चुकी दीपिका गोल में नहीं बदल पाई।