उत्तरकाशी
ज़िलाधिकारी/अध्यक्ष ज़िला जल एवं स्वच्छता मिशन, उत्तरकाशी ने पेयजल और जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए 88 दिनों से चल रहे अहिंसक, शांतिपूर्ण, गांधीवादी धरना-सत्याग्रह कर रहे सत्याग्रहियों को कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने से रोक दिया तथा कलेक्ट्रेट के दोनों गेट्स पर ताले लगवाकर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया।
ज़िलाधिकारी उत्तरकाशी मेहरबान सिंह बिष्ट द्वारा पेयजल और जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए बहुत ही अलोकतांत्रिक तरीक़ों का उपयोग किया जा रहा है।
12 सितंबर 2024 को ज़िलाधिकारी के पत्र का हवाला देते हुए परगना मजिस्ट्रेट भटवाड़ी ने एक झूठी सार्वजनिक सूचना जारी की, जिसमें धरना प्रदर्शन, अनशन, रैली आदि कार्यक्रमों के लिए उत्तरकाशी बाज़ार में स्थित सब्जी मंडी के पीछे रामलीला मैदान में एक 20×30 मीटर के एक स्थान को चिन्हित किया गया बताया गया है, जहां धरना प्रदर्शन, अनशन, रैली आदि कार्यक्रम किए जा सकेंगे।
गौरतलब है कि वर्तमान में रामलीला मैदान में गाड़ियां पार्क की जा रही हैं, जहां पार्क की गई गाड़ियों से नगरपालिका परिषद् बाड़ाहाट, उत्तरकाशी द्वारा वाहन पार्किंग शुल्क भी लिया जा रहा है। पूरे रामलीला मैदान में चारों तरफ़ कीचड़ ही कीचड़ हो रखा है, सारे मैदान में बहुत पानी भरा हुआ है और बहुत दुर्गन्ध उठ रही है । रामलीला मैदान में धरना देना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल है।

ज़िला प्रशासन उत्तरकाशी द्वारा ऐसा खेल इसलिए किया जा रहा है ताकि पेयजल एवं जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और घोटाले के ख़िलाफ़ उठती हुई जनता की आवाज़ को दबाया जा सके।
ज़िलाधिकारी उत्तरकाशी द्वारा बेशर्मी और ढीठाई की सारी हदें पार करते हुए लगातार हो रही बारिश (और आगे कड़ी धूप में भी) कीचड़ ही कीचड़ से भरे हुए मैदान में खुले आसमान के नीचे जनता को धरना -सत्याग्रह करने का फरमान सुनाया जा रहा है।
जनसंगठन, गांव बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष अभिषेक जगूड़ी का कहना है कि जनता की आवाज़ को जितना दबाया जाएगा वह उतनी ही तीव्रता और आवेग से उठेगी तथा जन आवाज़ व जन शक्ति ही भ्रष्ट अधिकारियों तथा उनके उदासीन, उपेक्षापूर्ण, अन्यायपूर्ण व अलोकतांत्रिक रवैये पर उच्च स्तरीय जांच करवाएगी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपने पद और शक्तियों का खुला दुरुपयोग करते हुए अलोकतांत्रिक तरीके़ से कार्य करने वाले जन विरोधी ज़िलाधिकारी उत्तरकाशी के द्वारा पीड़ित जनता की आवाज़ को दबाया जा रहा है।
भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले और भ्रष्टाचारियों को बचाने वाले जनविरोधी लोक सेवकों के लिए उत्तरकाशी में कोई जगह नहीं है। भ्रष्टाचारियों को उत्तरकाशी छोड़ना होगा।
जनान्दोलन को समाप्त नहीं किया गया है। जनसंगठन गाँव बचाओ आन्दोलन का धरना-सत्याग्रह लगातार जारी रहेगा।
अब देखना होगा कि शासन स्तर से और केंद्र सरकार के स्तर से कब तक जल जीवन मिशन योजना की अनियमितताओं, धांधलियों एवं भ्रष्टाचार पर उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी और कब ग्रामीण जनता को न्याय मिलेगा…।