जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार के विरोध में उतरे 35 गांवों के ग्रामीण
जिला प्रशासन ने आंदोलन स्थल पर पार्क कर दिए सरकारी वाहन
अभिरेख ‘ अरुणाभ ‘
जल जीवन मिशन के अंतर्गत हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ बीते 87 दिनों से चल रहे जनसंगठन “गांव बचाओ आंदोलन” के नेतृत्व में सत्याग्रही आंदोलनकारियों ने आंदोलन जारी रखा है। वृहस्पतिवार को आंदोलनकारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर जिला प्रशासन के दमनकारी रवैए की निंदा की तथा आंदोलन परिसर में जिला प्रशासन द्वार खड़े किए गए वाहनों को तत्काल हटाए जाने की मांग की गई।

पेयजल एवं जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जिला उत्तरकाशी के विभिन्न जगहों पर चल रहे आंदोलन को 87 दिन हो गए हैं, लेकिन प्रशासन का रुख दमनात्मक ही बना हुआ है।
12 अगस्त 2024 को जिला प्रशासन द्वारा 24 सत्याग्रहियों को गिरफ्तार करके अवैध हिरासत में रखा गया था। तभी से प्रतिदिन जिला प्रशासन उत्तरकाशी द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में ऑडिटोरियम के सामने की छत वाले आंगन में निजी तथा सरकारी वाहन खड़े किए जा रहे थे। गौरतलब है कि इसी जगह पर पिछले 2 माह से शांतिपूर्ण,अहिंसात्मक,गांधीवादी धरना सत्याग्रही कर रहे थे।

जिला प्रशासन को कई बार लिखित रूप से जनसंगठन गांव बचाओ आंदोलन द्वारा गाड़ी हटाने का निवेदन किया गया लेकिन, जिला प्रशासन द्वारा कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया। इससे पीड़ित होकर जनसंगठन गांव बचाओ आंदोलन से जुड़े समस्त 37 गांव के लोग आज 12 सितंबर 2024 को एक माह जिला प्रशासन की दमनात्मक कार्यवाही सहने के बाद, डीएम ऑफिस के बरामदे में बैठ गए और गाड़ी हटाने की मांग की।

जनसंगठन गांव बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष अभिषेक जगूड़ी जी का कहना है कि जिला अधिकारी धरना सत्याग्रह स्थल से गाड़ी हटाएं तथा लिखित रूप में जन संगठन को सूचित करें कि गाड़ी हटा दी गई है। जब तक ऐसा नहीं किया जाता है, तब तक धरना सत्याग्रही अपना शांतिपूर्ण,अहिंसात्मक,गांधीवादी धरना डीएम ऑफिस के बरामदे में ही चलाते रहेंगे।
इन सबके विपरीत जिला प्रशासन लिखित रूप में कुछ भी देने के लिए तैयार नहीं हैं और न ही अभी तक गाड़ियां हटाई गई हैं।