लाखों की मात्रा में श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 25 नवंबर, मंगलवार को अपराह्न 2:56 बजे शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत 21 नवंबर से पंच पूजाएं शुरू होंगी।
विजयदशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने मंदिर परिसर में आयोजित भव्य समारोह में कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की।
इस मौके पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल, हक-हकूकधारी और तीर्थ पुरोहित भी मौजूद रहे।
धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट व अमित बंदोलिया ने पंचांग गणना कर कपाट बंद की तिथि का निर्धारण किया।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने इस अवसर पर 2026 यात्रा के लिए हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की और थोक प्रतिनिधियों को सम्मानित किया।
उन्होंने बताया कि मानसून की आपदा के बावजूद अब तक 14,20,357 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम और 16,02,420 श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। यानी कुल मिलाकर 30,22,777 श्रद्धालुओं ने इस वर्ष दर्शन किए हैं।
धामी सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़ा का जिक्र करते हुए द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से स्वच्छ यात्रा का संकल्प लेने की अपील भी की।
उल्लेखनीय है कि
- केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर (भैया दूज) को बंद होंगे।
- गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर (अन्नकूट गोवर्धन पूजा) को बंद होंगे।
- द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 18 नवंबर को और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 6 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।
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