“ये चीजें मुझ पर असर नहीं डालतीं”: CJI बीआर गवई
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 6 अक्टूबर को एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की।
घटना उस समय हुई जब सीजेआई गवई की अध्यक्षता वाली पीठ में सुनवाई चल रही थी। सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से हमले को तुरंत रोक लिया गया और आरोपी को अदालत कक्ष से बाहर ले जाया गया।
घटना के बाद भी CJI गवई ने अदालत की कार्यवाही नहीं रोकी और पूरे संयम के साथ सुनवाई जारी रखी। उन्होंने उपस्थित वकीलों से कहा “इन बातों से विचलित मत होइए। हम विचलित नहीं हैं। इन चीज़ों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता।”
अदालत में मौजूद लोगों के मुताबिक, बाहर निकाले जाते समय आरोपी व्यक्ति चिल्ला रहा था “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।”
क्या था आरोपी वकील का मकसद
रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी वकील खजुराहो के जावरी मंदिर से जुड़ी एक याचिका पर सीजेआई की पूर्व टिप्पणी से नाराज था।
17 सितंबर को दाखिल उस याचिका में भगवान विष्णु की टूटी हुई मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग की गई थी। लेकिन सीजेआई गवई ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था -“जाइए, भगवान से कहिए कि वो खुद कुछ करें। अगर आप उनके भक्त हैं, तो प्रार्थना और ध्यान कीजिए।”
बताया जा रहा है कि इसी टिप्पणी से वकील आक्रोशित था और उसने सोमवार को यह हरकत की।
अदालत में मौजूद कुछ लोगों का कहना है कि आरोपी ने जूता फेंकने की कोशिश की, जबकि अन्य के मुताबिक वह कागज का रोल उछाल रहा था।
घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा इकाई ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सीजेआई गवई ने पूरे मामले में पूर्ण संयम दिखाते हुए अदालत में वकीलों को अपनी दलीलें जारी रखने को कहा।
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